प्रदेश की सब्जी मंडियों में प्रशासनिक निर्णय लेने वाले अध्यक्षों के 24 पद खाली NAINITAL NEWS
प्रदेश की सब्जी मंडियों में प्रशासनिक निर्णय लेने वाले अध्यक्षों को राजनीतिक कारणों से पद से हटा दिया गया है।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : प्रदेश की सब्जी मंडियों में प्रशासनिक निर्णय लेने वाले अध्यक्षों को राजनीतिक कारणों से पद से हटा दिया गया है। करीब साल भर बाद भी अभी तक मंडी अध्यक्षों की नियुक्ति नहीं की जा सकी है। जिससे अनाज व सब्जी मंडियों का कामकाज प्रभावित हो रहा है। बावजूद इसके सरकारी तंत्र का ध्यान इस समस्या की ओर नहीं जा रहा है।
किसानों की खुशहाली की बात करने वाली सरकार मंडी की समस्याओं को प्राथमिकता में रखती नहीं दिख रही है। राजनैतिक कारणों से प्रदेश सरकार ने बीते साल मई 2018 में सभी मंडियों से अध्यक्ष को पदमुक्त कर दिया था। जिसके बाद नए अध्यक्ष की अटकलें लगाई जा रही थी। प्रदेश सरकार क्षेत्रीय एसडीएम को अध्यक्ष का प्रभार देकर इस मामले को भूल गई है। ऐसे में एसडीएम के पास जब अन्य कई जिम्मेदारियां हैं तो मंडी का काम जैसे तैसे निपटाया जा रहा है।
चार अध्यक्ष पहुंचे कोर्ट
भाजपा सरकार गठन के बाद मंडी अध्यक्ष पद से हटाए गए चार अध्यक्षों ने कोर्ट की शरण ली। जहां कोर्ट ने बचे हुए कार्यकाल मेें फिर से नियुक्ति देने का आदेश दिया है। रुद्रपुर मंडी से हटाए गए अध्यक्ष अरुण कुमार पांडेय ने बताया कि उन्हें हाईकोर्ट की ङ्क्षसगल व डबल बेंच से न्याय मिला है। जिसकी अवमानना होने पर वह फिर से कोर्ट की शरण लेंगे। इसके अतिरिक्त सितारगंज, नानकमत्ता, जसपुर आदि के अध्यक्षों ने भी कोर्ट की शरण ली।
प्रदेश की प्रमुख मंडियां
प्रदेश में कुल 27 मंडियां हैं। जिसमें से प्रमुख 24 मंडियां ही सक्रिय हैं। जिसमें टनकपुर, खटीमा, सितारगंज, हल्द्वानी, रामनगर, किच्छा, रुद्रपुर, गदरपुर, बाजपुर, काशीपुर, जसपुर, हरिद्वार, रुड़की, भगवानपुर, मंगलौर, लक्सर, ऋषिकेश, देहरादून, विकासनगर, उत्तरकाशी, कोटद्वार, चकराता, गोवर्धनपुर व चमोली आदि हैं!
सरकार नए अध्यक्ष मनोनीत कर सकती है
बीएस चलाल, प्रबंध निदेशक, मंडी परिषद ने बताया क मंडी अध्यक्ष पद लंबे समय से खाली पड़े हैं। अब मंडी अध्यक्षों का पुराना कार्यकाल भी पूरा हो चुका है। ऐसे में नए सिरे से सरकार अध्यक्षों को मनोनीत कर सकती है।
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