उत्तराखंड में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए बना प्लान, गंगा नदी के किनारे लहलहाएगी फसल
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि राज्य सरकार कृषि को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है। जैविक खेती को प्रोत्साहन दिया जा रहा है और मोटे अनाज के ...और पढ़ें

कृषि मंत्री गणेश जोशी बोले, रकबा घटा लेकिन उत्पादन बढ़ा और हमारी सरकार का जैविक खेती पर जोर। आर्काइव
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी । राज्य के लिए पर्यटन के साथ ही कृषि व उद्यानिकी भी आर्थिकी का बड़ा स्रोत है। यही कारण है कि राज्य सरकार कृषि को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही हैं। परंपरागत खेती को जैविक खेती के साथ बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है। साथ ही प्राकृतिक खेती भी बढ़ रही है। यह कहना है कृषि, उद्यान, ग्राम्य विकास व सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी का।वह बुधवार को दैनिक जागरण कार्यालय पहुंचे थे। इस दौरान मुख्य संवाददाता गणेश जोशी से विशेष साक्षात्कार के दौरान उन्होंने कहा कि राज्य बनने के बाद भले ही कृषि खेती का रकबा दो लाख 10 हजार हेक्टेयर घटा है लेकिन उत्पादन तीन लाख टन बढ़ा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में हमारी सरकार कृषि को बढ़ावा देने पर हरसंभव प्रयास में जुटी है। पेश है बातचीत पर आधारित रिपोर्ट :
प्रश्न : कृषि को बढ़ावा देने के लिए आपकी सरकार क्या प्रयास कर रही है?
उत्तर : राज्य बनने के बाद कृषि में तकनीकी का प्रयोग बढ़ा है। जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर की बीजों की नई वैराइटी का लाभ राज्य में कृषि उत्पादान को बढ़ावा देने में मिल रहा है। सबसे अच्छा यह है कि मोटे अनाज की पहचान अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंच चुकी है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार है, जिन्होंने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया था। हमारी सरकार मोटे अनाज उत्पादन के लिए 80 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है। जहां राज्य बनाने को लेकर नारा था कोदा, झिंगोरा खाएंगे, उत्तराखंड राज्य बनाएंगे। अब हमारा नारा है, कोदा मडुवा उगाएंगे, राज्य को आत्मनिर्भर बनाएंगे।
प्रश्न : उद्यानिकी के क्षेत्र में राज्य की प्रगति हो सके। स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके। इसके लिए आप क्या कर रहे हैं?
उत्तर : सेब उत्पादन में हम कश्मीर व हिमाचल के बाद तीसरे स्थान पर हैं। पहले जहां सेब का पेड़ साढ़े पांच साल में फल देता है, वहीं अब एक साल में फल देने लगा है। कीवी, ड्रैगन फ्रुट की खेती को बढ़ावा देने के लिए नीति लाए हैं। गुलाब, पुदीना जैसी खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। एरोमेटिक प्लांट से जुड़ी खेती से 50 हजार किसान जुड़े हैं।
प्रश्न : बाजार में जैविक फसलों की मांग तेजी से बढ़ी है। जैविक खेती को लेकर हल्ला बहुत होता है। क्या धरातल पर भी इसे बढ़ावा देने के लिए काम हो रहा है?
उत्तर : जैविक खेती को लेकर ब्लाक स्तर पर प्रयास हो रहे हैं। इस खेती को बढ़ावा देने के लिए लगातार लक्ष्य तय कर उसे पूरा किया जा रहा है। किसानों को प्रोत्साहित किया जाता है। राज्य के जैविक उत्पादों की मांग पूरी दुनिया में लगातार बढ़ रही है। इसके लिए हमारी सरकार प्राथमिकता के आधार पर काम कर रही है।
प्रश्न :जैविक के नाम पर बाजार में अजैविक उत्पाद बिकता है। इसकी जांच के लिए आपके पास क्या व्यवस्था है?
उत्तर : इसके लिए कृषि अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है। जैविक प्रमाणीकरण के लिए एजेंसी भी तय है। सार्टिफिकेशन भी होता है। इसके लिए ठोस व्यवस्था की जा रही है। लोगों को भी जागरूक किया जाता है।
प्रश्न : पर्वतीय क्षेत्रों में जंगली जानवरों की वजह से खेती करना मुश्किल हो गया है। पहाड़ के किसान खेती से भाग रहे हैं।ऐसे में पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि व उद्यानिकी को बढ़ावा देने बड़ी चुनौती है। इसके लिए आप क्या कर रहे हैं?
उत्तर : तीन वर्ष पहले तक केंद्र सरकार घेरबाड़ के लिए बजट देती थी लेकिन इस समय नहीं मिल रहा है। इसके लिए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से अनुरोध किया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही बजट मिलने पर घेरबाड़ करवाया जाएगा। इसके साथ ही किसानों को वैकल्पिक खेती को बढ़ावा देने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
प्रश्न : राज्य में प्राकृतिक खेती की भी अपार संभावनाएं हैं। इसके लिए आप क्या कर रहे हैं?
उत्तर : हमने गंगा नदी के किनारे 10 हेक्टेयर की भूमि चिन्हित कर ली है। इस खेती के लिए राज्य के 300 किसानों को प्रशिक्षण दिलवाया जा रहा है।प्रश्न : तेजी से अकृषि होती कृषि भूमि को लेकर आपकी सरकार क्या कर रही है?
उत्तर : इसके लिए सख्त भू-कानून लाए हैं। इस पर कार्रवाई भी हुई है। इसका कड़ाई से पालन करवाया जाएगा।
प्रश्न : हल्द्वानी में सैनिकों के बच्चों के लिए कई वर्षों से छात्रावास प्रस्तावित था लेकिन इस पर अभी तक कुछ नहीं हुआ।
उत्तर : इसके लिए जमीन तय की गई थी लेकिन वह किसी कारण से अस्वीकृत हो गई थी।अब जिला प्रशासन ने नई जमीन ढूंढ ली है। जल्द ही इस पर आगे काम किया जाएगा। देहरादून में सैन्य धाम तैयार हो गया है। जल्द ही इसका उद्घाटन हो जाएगा।
प्रश्न : ग्राम्य विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी आप संभालते हैं। उत्तराखंड के गांवों के विकास को लेकर क्या किया जा रहा है?
उत्तर : ग्राम्य विकास को लेकर केंद्र सरकार की कई योजनाएं हैं। गांवों के विकास के लिए इनका क्रियान्वयन किया जा रहा है। साथ ही 526 करोड़ रुपये से जायका प्रोजेक्ट राज्य के नैनीताल, पिथौरागढ़, टिहरी व उत्तरकाशी में दिसंबर से शुरू हो जाएगा।

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