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आर्थिक सर्वेक्षण को सीएए समझकर डाटा देने से इन्‍कार रहे मुस्लिम बाहुल्‍य गांवों में लोग nainital news

हर पांच साल में सरकार की तरफ से कराए जाने वाले आर्थिक सर्वेक्षण का काम इन दिनों अर्थ एवं संख्याधिकारी कार्यालय कर रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 28 Jan 2020 06:40 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 07:55 PM (IST)
आर्थिक सर्वेक्षण को सीएए समझकर डाटा देने से इन्‍कार रहे मुस्लिम बाहुल्‍य गांवों में लोग nainital news
आर्थिक सर्वेक्षण को सीएए समझकर डाटा देने से इन्‍कार रहे मुस्लिम बाहुल्‍य गांवों में लोग nainital news

रुद्रपुर, जेएनएन : हर पांच साल में सरकार की तरफ से कराए जाने वाले आर्थिक सर्वेक्षण का काम इन दिनों अर्थ एवं संख्याधिकारी कार्यालय कर रहा है। इसमें कई जगह पर सर्वे में जा रही टीम को बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। लोग इस सर्वे को एनआरसी का सर्वे बताकर डाटा देने से जहां साफ इन्कार कर रहे हैं वहीं टीम को विरोध भी झेलना पड़ रहा है। सबसे अधिक समस्या मुस्लिम बाहुल्य गांवों में देखने को मिल रही है। जहां लोग इस सर्वे को एनआरसी का सर्वे बताकर टीम से उलझ रहे हैं। बीते सप्ताह सितारगंज के एक मुस्लिम बाहुल्य गांव मे सर्वे करने गई टीम को विरोध झेलना पड़ा।

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सरकारी योजनाओं का लिया जा रहा है फीडबैक

जिले में आर्थिक सर्वेक्षण के लिए गांवों में जा रही टीम परिवार की स्थिति, रोजगार के साधन व आवास सहित दूसरी योजनाओं की फीडबैक ले रही हैं। इसे लेकर चल रहे सर्वे में टीम जिन गांवों में पहुंच रही है। वहां पर डाटा देने के नाम पर जहां कुछ जगह पर समर्थन मिल रहा है तो कहीं-कहीं टीम को लोग एनआरसी का सर्वे बताकर भ्रम की स्थिति से निकल नहीं पा रहे, जबकि मौके पर ब्लॉक स्तरीय समन्वयकों ने जाकर आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर ग्रामीणों को जागरूक किया है। इसके बाद भी टीम को कई जगह पर विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

मुस्लिम बाहुल्‍य गांवों में पैदा हो रही है दिक्‍कत

जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी ललितचंद्र आर्य ने बताया कि बीते सप्ताह सितारगंज में सर्वे कर ही टीम ने जानकारी दी थी कि कुछ मुस्लिम बाहुल्य गांव में ऐसी स्थिति आ रही है, जिसमें लोग परिवार के बारे में जानकारी देने से मना कर रहे हैं। मौके पर पूछने पर पता चला कि लोग इस सर्वे को एनआरसी का सर्वे बता रहे हैँ। अर्थ एवं संख्याधिकारी का कहना था कि यह आर्थिक सर्वे है जिस पर भ्रम की स्थिति साफ करने के लिए जल्द ही वह उन गांवों का दौरा करेंगे। ताकि लोगों को इस सर्वे के बारे में जागरूक किया जा सके।

लोगों की आशंकाओं का किया जा रहा समाधान

ललितचंद्र आर्य, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी, ऊधम सिंह नगर ने बताया कि आर्थिक सर्वेक्षण का काम हर ब्लॉक में सुचारु रूप से चल रहा है। कुछ जगहों खासकर मुस्लिम बाहुल्य गांवों में व्यवहारिक समस्या सामने आई थी। मौके पर टीम के एक्सपर्ट को भेजकर उनकी शंकाओं का समाधान कराए जाने का प्रयास किया गया है। वह खुद मौके पर जाकर लोगों को सर्वे के लिए जागरूक करेंगे।

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