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    तल्लीताल में पानी के लिए लोग परेशान

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 07 Nov 2018 06:00 AM (IST)

    पिछले पांच दिनों से पेयजल संकट से परेशान उपभोक्ताओं के सब्र का बांध टूट गया है।

    तल्लीताल में पानी के लिए लोग परेशान

    जासं, नैनीताल : पिछले पांच दिनों से पेयजल संकट से परेशान उपभोक्ताओं के सब्र का बांध टूट पड़ा और उन्होंने खाली बर्तनों के साथ नैनीताल-हल्द्वानी राजमार्ग पर सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया। साथ ही चेताया कि यदि जल्द पेयजल आपूर्ति नहीं हुई तो दीवाली के बाद राजमार्ग जाम कर दिया जाएगा। इधर, शहर के तमाम हिस्सों में पेयजल समस्या की वजह से लोगों में आक्रोश पनप रहा है।

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    क्लर्क क्वाटर, गंगा कॉटेज, काठबांस, वाल्मीकी मार्ग के आसपास के करीब सौ परिवार पिछले पांच दिनों से पेयजल आपूर्ति ठप होने से परेशान हैं। यह लोग प्राकृतिक जलस्रोतों से पानी की जैसे-तैसे जरूरत पूरी कर रहे हैं। मंगलवार पूर्वाह्न करीब 11 बजे क्षेत्र की महिलाएं व अन्य खाली बर्तन के साथ राजमार्ग में आ धमके और धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में राखी देवी, रुकमा देवी, सुषमा देवी, पलक, रमा देवी, ज्योति, मीना, हरीश कुमार, केएल आर्य, राजेश कुमार, राजेश चौहान, गौरव चौहान व अन्य थे।

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    तल्लीताल क्षेत्र में पानी की कमी की शिकायत उनके पास नहीं आई है। कंट्रोल रूम में किसी ने शिकायत दर्ज नहीं की है। त्योहार को देखते हुए पानी की आपूर्ति बढ़ा दी गई है। फिर भी तल्लीताल क्षेत्र में समस्या होगी तो उसका निस्तारण किया जाएगा।

    संतोष उपाध्याय, अधिशासी अभियंता, जल संस्थान ऑपरेटरों का जलसंस्थान में हंगामा

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : जलसंस्थान के आधा मानदेय देने पर गौलापार के नलकूप ऑपरेटर भड़क गए। गुस्साए कर्मियों ने जलसंस्थान कार्यालय पर हंगामा काटा और एडवांस में दिए जा रहे पांच हजार रुपये भी नहीं लिए। ऑपरेटरों ने जलनिगम के बराबर मानदेय नहीं करने पर जलापूर्ति ठप करने की चेतावनी दी है।

    गौलापार के देवला मल्ला निवासी आनंद सिंह रावत ने बताया कि एक दशक पहले ग्रामीणों ने चार नलकूपों के लिए जल निगम को जमीन दी थी। ये नलकूप देवला मल्ला, सीतापुर, दौलतपुर रैक्वाल व लक्षमपुर में लगाए गए। इसके बदले परिवार के एक सदस्य को नलकूप संचालन की नौकरी देकर पांच हजार रुपये मानदेय दिया जाता था। देवला मल्ला नलकूप ऑपरेटर के रूप में आनंद के बेटे त्रिलोक को नौकरी दी गई। जलसंस्थान को नलकूप हस्तांतरित होने के बाद जून 2017 से मानदेय मिलना बंद हो गया। नलकूप ऑपरेटरों से वार्ता के बाद जलसंस्थान ने जून से दिसंबर 2017 तक का मानदेय ग्राम प्रधान और एक जनवरी 2018 से जलसंस्थान द्वारा दिया जाना तय हुआ। दिसंबर तक के अवशेष ग्राम प्रधानों ने दे दिया, लेकिन इसके बाद जलसंस्थान ने मानदेय नहीं दिया।