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    Nainital News: बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरा जनसैलाब, नेताओं पर कटाक्ष

    By Jagran NewsEdited By: Swati Singh
    Updated: Wed, 07 Jun 2023 03:13 PM (IST)

    Nainital News बुधवार को बिंदुखत्ता के हजारों ग्रामीण युवा व महिलाओं का हुजूम जड़ सेक्टर में एकत्रित हुआ। दोपहर करीब एक बजे भीषण गर्मी में ग्रामीणों का जुलूस लालकुआं तहसील की ओर रवाना हुआ। जुलूस का एक सिरा जड़ सेक्टर तो दूसरा सिरा लालकुआं नगर पहुंच गया था।

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    बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाने की मांग को लेकर सड़कों में उतरा जन सैलाब, नेताओं पर कटाक्ष

    लालकुआं, जागरण संवाददाता। बिंदुखत्ता संघर्ष समिति द्वारा प्रस्तावित राजस्व गांव एवं बिंदुखत्ता को अतिक्रमण क्षेत्र की सूची से हटाने की मांग को लेकर बुधवार को हजारों लोगों ने मोर्चा खोल दिया। अपनी मांगों को लेकर हजारों लोगों का हुजूम सड़क पर उतर गया, इस दौरान ग्रामीणों ने बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाने की जोरदार मांग की।

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    बुधवार को बिंदुखत्ता के हजारों ग्रामीण, युवा व महिलाओं का हुजूम जड़ सेक्टर में एकत्रित हुआ। दोपहर करीब एक बजे भीषण गर्मी में ग्रामीणों का जुलूस लालकुआं तहसील की ओर रवाना हुआ। जुलूस का एक सिरा जड़ सेक्टर तो दूसरा सिरा लालकुआं नगर पहुंच गया था, इस दौरान प्रदर्शनकारी बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाओ के नारे लगा रहे थे।

    तहसील में सीएम के नाम ज्ञापन

    प्रदर्शन के साथ ही ये लोग सड़क से गुजरते हुए तहसील पर पहुंचे। तहसील में उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया। इससे पहले एक सभा को भी संबोधित की गई। इससे पूर्व जड़ सेक्टर में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा की विधायक व सांसद ने बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाने का वादा कर वोट बटोरे थे, लेकिन सरकार बनने के बाद बिंदुखत्ता को अतिक्रमित सूची में शामिल कर दिया।

    वोट लेने के लिए किए जाते हैं चुनावी वादे

    वक्ताओं ने कहा कि वोट लेने के लिए जनप्रतिनिधियों ने कई वादे किए थे, लेकिन चुनाव जीतने के बाद ये वादे बस एक चुनावी वादे बनकर रह गए हैं। जिससे जनप्रतिनिधियों की इरादे जाहिर हो रहे है। उन्होंने कहा कि सरकार अतिशीघ्र बिंदुखत्ता को अतिक्रमित क्षेत्र की सूची से क्षेत्र को हटाकर राजस्व गांव बनाये।

    प्रदर्शनकारियों ने दो टूक शब्दों में साफ कहा है कि राजस्व गांव से कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं है। उन्होंने साफ कहा कि चुनाव के वक्त वादे तो किए जाते हैं, लेकिन वो वादे चुनाव खत्म होने के बाद याद नहीं रहते हैं। जुलूस में हजारों लोगों ने हिस्सा लेकर अपनी एकता का ऐतिहासिक परिचय दिया।