तबादला आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचे पीसीएस श्रीश
जागरण संवाददाता, नैनीताल : शासन के सीनियर पीसीएस होने के बावजूद डिप्टी कलक्टर बनाने तथा
जागरण संवाददाता, नैनीताल : शासन के सीनियर पीसीएस होने के बावजूद डिप्टी कलक्टर बनाने तथा जिला विकास प्राधिकरण नैनीताल के सचिव पद पर एडीएम की तैनाती के आदेश के खिलाफ पीसीएस अफसर श्रीश कुमार कोर्ट पहुंच गए हैं। कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सरकार से जवाब मांगते हुए अगली सुनवाई 29 जनवरी नियत कर दी।
कार्मिक विभाग ने दस जनवरी को पीसीएस अफसरों की सूची जारी की थी। इसमें श्रीश कुमार को नैनीताल झील विकास प्राधिकरण सचिव पद से डिप्टी कलक्टर चमोली बनाया गया था। इधर, 16 जनवरी को कार्मिक विभाग की ओर से तबादले संशोधित किए गए, जिसमें श्रीश कुमार को पटवारी प्रशिक्षण संस्थान अल्मोड़ा का निदेशक बनाया गया। इसके बाद कुमार की ओर से याचिका दायर कर दस व 16 जनवरी के आदेश को चुनौती दी गई। याचिकाकर्ता के अनुसार 2001 में पीसीएस अफसरों की 5400, 6600, 7600 व 8100 ग्रेड पे की श्रेणियां बनाई गई थी। पहली श्रेणी डिप्टी कलक्टर, दूसरी एडीएम, तीसरी सीडीओ, चौथी निदेशक या विभागाध्यक्ष व एक अन्य शामिल है। वह फरवरी 2004 में डिप्टी कलक्टर बने थे। 2003 में तहसीलदार कन्फर्म हुए थे। चीनी मिल का जीएम रहते शासन द्वारा जो जांच की गई थी, उसे दिसंबर 2014 में शासन ने ही खत्म कर दिया था। इसके बाद वह 7600 ग्रेड पे के हकदार हो गए हैं। पटवारी प्रशिक्षण संस्थान निदेशक का पद डाउनग्रेड का है। यह भी दलील दी गई कि हाई कोर्ट ने राजस्व पुलिस व्यवस्था छह माह में खत्म करने का आदेश पारित किया है, ऐसे में इस पद की उपयोगिता नहीं रह गई है।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज तिवारी की कोर्ट ने याची और सरकारी पक्ष के अधिवक्ता की दलील सुनने के बाद यथास्थिति बनाए रखने का आदेश पारित किया और सरकार को जवाब दाखिल करने के निर्देश देते हुए अगली सुनवाई 29 जनवरी नियत कर दी। वहीं, हाई कोर्ट के ताजा आदेश को लेकर शासन के अगले कदम का इंतजार किया जा रहा है। यहां बता दें कि पिछले दिनों जिला विकास सचिव पद पर एडीएम हरवीर सिंह ने कार्यभार संभाल लिया है।
-------------------
तबादले से वैधानिक प्रावधान का उल्लंघन नहीं
नैनीताल : सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता परेश त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया कि तबादले से किसी वैधानिक प्रावधान का उल्लंघन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि 11 जनवरी को एडीएम हरवीर सिंह द्वारा प्राधिकरण सचिव का चार्ज ले लिया गया है, जबकि तबादले के बाद श्रीश कुमार अवकाश पर चले गए। ऐसे में तबादला आदेश पर रोक उचित नहीं है और याचिका खारिज होने योग्य है। सीएससी के अनुसार कोर्ट ने यथास्थिति का आदेश दिया है, इससे साफ है कि एडीएम ही प्राधिकरण सचिव बने रहेंगे, जबकि कुमार के अधिवक्ताओं के अनुसार उन्होंने चार्ज अब तक किसी को सौंपा ही नहीं है, ऐसे में कोर्ट के आदेश से वह सचिव बने रहेंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।