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    कमजोर तबके को न्याय दिलाने की अहम कड़ी बने पैरालीगल वोलेंटियर्स

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Wed, 06 Jan 2021 09:10 AM (IST)

    केंद्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से वंचितों गरीबों व दूरस्थ क्षेत्रों के पीड़ितों को न्याय दिलाने में मदद के लिए पैरालीगल वालेंटियर्स की नियुक्ति की गई है। उत्तराखंड के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ ने अपने विदाई समारोह के दौरान इनके योगदान को विशेष तौर पर इंगित किया।

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    कमजोर तबके को न्याय दिलाने की अहम कड़ी बने पैरालीगल वोलेंटियर्स

    नैनीताल, जागरण संवाददाता : केंद्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से वंचितों, गरीबों व दूरस्थ क्षेत्रों के पीड़ितों को न्याय दिलाने में मदद के लिए पैरालीगल वालेंटियर्स की नियुक्ति की गई है। इनकी महत्ता का अन्दाजा इससे लगाया जा सकता है कि हाल ही उत्तराखंड के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ ने अपने विदाई समारोह के दौरान इनके योगदान को विशेष तौर पर इंगित किया। कोरोना काल की विपरीत परिस्थितियों में भी पैरालीगल वोलेंटियर्स ने सस्ते और सुलभ न्याय के सिद्धांत का क्रियान्वयन बखूबी किया और लोक अदालत के माध्यम से सैकड़ों पीड़ितों को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

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    2009 के बाद राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से देशभर में इस तरह की योजना पर काम शुरू किया गया। पैरालीगल वोलेंटियर को नियुक्ति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से की जाती है। एक प्राधिकरण 50 से 100 तक वोलेंटियर नियुक्त कर सकता है। सेवानिवृत्त शिक्षक, वरिष्ठ नागरिक, रिटायर कर्मचारी, मास्टर ऑफ सोशल साइंस छात्र, आंगनबाड़ी वर्कर, डॉक्टर, सामाजिक कार्यकर्ता, गैर राजनीतिक संगठन सदस्य, एजजीओ व क्लब सदस्य इसका सलेक्शन कर सकता है। कोई शिक्षित जिसका व्यवहार ठीक हो, भी वोलेंटियर बन सकता है।

     

    जिला स्तर पर तीन सदस्यीय कमेटी इनका चयन करती है और इनकी तैनाती ब्लॉक , तहसील मुख्यालय के अलावा न्याय पंचायत व ग्राम पंचायत स्तर पर की गई है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से इन्हें ट्रेनिंग दी जाती है। वोलेंटियर समाज के कमजोर वर्ग को विधिक रूप से जागरूक करने के साथ ही उसके प्रार्थना पत्र लिखने से लेकर थाना व अन्य कार्यालयों में जाकर मदद करेंगे। उसे विधिक सेवा प्राधिकरण तक संबंधित विवाद पहुंचाने की जिम्मेदारी होगी। वोलेंटियर की संस्तुति पर प्राधिकरण संबंधित को मुफ्त कानूनी सहायता मुहैया कराएंगे।

     

    राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से मिली जानकारी के अनुसार अल्मोड़ा में 38, बागेश्वर में 75, चमोली में 56, चंपावत में 55, देहरादून में 79, हरिद्वार में 54, नैनीताल में 57, पौड़ी गढ़वाल में 46, पिथौरागढ़ में 39, रुद्रप्रयाग में 24, टिहरी गढ़वाल में 90, उधमसिंह नगर में 104, उत्तरकाशी में 75 समेत कुल 792 पैरालीगल वोलेंटियर्स कार्यरत हैं।