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    जीबी पंत विवि के परीक्षा समन्यवक को राहत, निलंबन के आदेश पर हाई कोर्ट की रोक

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 01:36 PM (IST)

    उच्च न्यायालय ने जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर में बीटेक कंपार्टमेंट परीक्षा पेपर लीक मामले में डा. एसके गोयल के निलंबन पर रोक लगा दी। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने गोयल को राहत दी। गोयल ने निलंबन को चुनौती दी थी जिसमें कहा गया था कि पेपर लीक होने पर जांच कमेटी बैठी थी। जांच में पाया गया कि डॉ. गोयल ने कंप्यूटर का पासवर्ड नहीं बदला था।

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    खंडपीठ ने गोयल को राहत देते हुए उनके निलंबन आदेश पर रोक लगा दी। File

    जासं, नैनीताल। हाई कोर्ट ने जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर में बीटेक की कंपार्टमेंट परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में बाह्य परीक्षा समन्वयक डा. एसके गोयल को निलंबित करने के आदेश को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई की।

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    शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने गोयल को राहत देते हुए उनके निलंबन आदेश पर रोक लगा दी। गोयल ने अपने निलंबन आदेश को चुनौती देते हुए कहा कि उनको निलंबित करने के साथ साथ उन्हें कृषि विज्ञान केंद्र जाखधार (रुद्रप्रयाग) से संबद्ध कर दिया है।

    उन पर आरोप था कि कंपार्टमेंट परीक्षा का पेपर लीक होने पर अधिष्ठाता प्रौद्योगिकी डॉ. एसएस गुप्ता ने डीन पीजीएस डॉ. लोकेश वाष्णेय की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी बैठा दी गयी। जांच में पेपर लीक की पुष्टि होने पर परीक्षा निरस्त कर दी गई थी। जांच में पाया गया कि प्रौद्योगिक महाविद्यालय की वाह्य परीक्षा सेल के समन्वयक का प्रभार लेने के बाद डॉ. गोयल ने कंप्यूटर का पासवर्ड नहीं बदला और उसी पुराने पासवर्ड का इस्तेमाल करते रहे।

    जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद डॉ. गोयल के खिलाफ कार्यों में घोर लापरवाही का दोषी पाते हुए कुलपति की संस्तुति पर मुख्य कार्मिक अधिकारी डॉ. गौहर ताज ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश पारित कर दिया।

    साथ ही मामले की विभागीय जांच विश्वविद्यालय प्रबंध परिषद के सदस्य डॉ. अरुण कुमार और कार्मिक अनुभाग के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी केएस पुंडीर को सौंप दी है । याचिका में कहा गया कि बिना उनका पक्ष सुने उन्हें निलंबित करते हुए उन्हें रुद्रप्रयाग अटैच करने के आदेश दे दिया जबकि उनकी तरफ पेपर लीक होने के मामले में कोई लापरवाही नहीं बरती गई।