Uttarakhand News: पंगोट-देचौरी मोटरमार्ग निर्माण को मिली शासन की स्वीकृति, आर्थिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
उत्तराखंड सरकार ने पंगोट-देचौरी मोटरमार्ग के निर्माण को मंजूरी दे दी है। यह मोटरमार्ग नैनीताल जिले के दूरस्थ क्षेत्रों को जोड़ेगा, जिससे कनेक्टिविटी में सुधार होगा और यात्रा का समय कम होगा। इस परियोजना से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार के अवसर पैदा होंगे और क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा। सरकार ने पर्यावरण संरक्षण का भी ध्यान रखने की बात कही है।

जागरण संवाददाता, नैनीताल। शहर के समीपवर्ती पंगोट से कोटाबाग क्षेत्र तक रहने वाले ग्रामीणों की अब राह आसान हो जाएगी। लोनिवि की ओर से 18 किमी सड़क निर्माण को वन विभाग व शासन की हरी झंडी मिल गई है। अब विभाग को सड़क निर्माण के लिए भेजे गए आठ करोड़ के प्रोजेक्ट का शासनादेश जारी होने का इंतजार है।
स्वीकृति मिलते ही टेंडर प्रक्रिया पूरी कर सड़क कटिंग का कार्य शुरु कर दिया जाएगा। पंगोट से कोटाबाग तक सड़क जुड़ने से दर्जनों गांवों के कास्तकारों को तो इसका लाभ मिलेगा ही दिल्ली व अन्य शहरों से आने वाले पर्यटकों को नैनीताल आने के लिए रामनगर का रुख नहीं करना होगा। जिससे कालाढूंगी मार्ग में वाहनों का दबाव भी कम होगा।
बता दे कि 2013 में पंगोट देचौरी होते हुए कोटाबाग तक 18 किमी सड़क निर्माण के प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिली थी। पहले चरण में लोनिवि ने पंगोट की ओर से पांच किमी सड़क कटिंग कर डामरीकरण कर दिया है। मगर इससे आगे वन भूमि होने के कारण सड़क निर्माण अटका हुआ था।
मगर अब करीब एक दशक बाद ग्रामीणों को बड़ी राहत मिली है। सड़क निर्माण को वन विभाग की स्वीकृति के बाद शासन से भी स्वीकृति मिल गई है। लोनिवि अधिशासी अभियंता रत्नेश कुमार सक्सेना ने बताया कि सड़क निर्माण के लिए आठ करोड़ का प्रोजेक्ट बनाया गया था। जिसमें पहले चरण में पांच किमी सड़क निर्माण के लिए 3.56 करोड़ का बजट पूर्व में प्राप्त हुआ था।
शेष 4.44 करोड़ का प्रस्ताव शासन भेजा गया था। जिसमें मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद शासन की स्वीकृति मिल गई है। अब शासनादेश जारी होने का इंतजार है। जिसके बाद टेंडर प्रक्रिया पूरी कर रोड कटिंग का कार्य शुरु कर दिया जाएगा।
ग्रामीणों व पर्यटकों को मिलेगी राहत
पंगोट देचौरी से कोटाबाग तक सड़क निर्माण होने से ग्रामीण काश्तकारों को इसका सर्वाधिक फायदा मिलेगा। क्षेत्र के अधिकांश लोगों की आजीविका खेती पर जुड़ी हुई है। क्षेत्र में नजदीकि मंडी कोटाबाग व रामनगर में है, मगर सड़क नहीं होने के कारण लोगों को पंगोट से नैनीताल और हल्द्वानी का रुख करना पड़ता है।
कोटाबाग तक सड़क जुड़ने से काश्तकारों की मैदानी क्षेत्रों की मंडियों तक पहुंच आसान हो जाएगी। वहीं पर्यटकों के नैनीताल तक का सफर भी कम हो जाएगा। वाया रामनगर से कालाढूंगी होकर आने वाले पर्यटक कोटाबाग होते हुए नैनीताल पहुंच सकेंगे। रत्नेश कुमार सक्सेना ने बताया कि इससे कालाढूंगी मार्ग में पर्यटक वाहनों का दबाव भी कम होगा।
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