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    IIM काशीपुर में आठ करोड़ से अधिक की हेराफेरी की जांच के आदेश, हाई कोर्ट ने दिया चार सप्ताह का समय

    Updated: Fri, 21 Nov 2025 04:08 PM (IST)

    उच्च न्यायालय ने आईआईएम काशीपुर में आठ करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय अनियमितताओं की जांच के आदेश दिए हैं। अदालत ने इस मामले में चार सप्ताह का समय दिया है। संस्थान में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के बाद यह जांच शुरू की गई है, ताकि सच्चाई सामने आ सके।

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    हाई कोर्ट ने केंद्रीय उच्च शिक्षा सचिव को दिया चार सप्ताह का समय। आर्काइव

    जागरण संवाददाता, नैनीताल। हाई कोर्ट ने आइआइएम काशीपुर में आठ करोड़ अधिक खर्च कर वित्तीय कुप्रबंधन करने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के सचिव को मामले पर विचार करते हुए याचिका को प्रत्यावेदन मानकर आरोपों की जांच के आदेश पारित किए हैं। कोर्ट ने मंत्रालय को चार सप्ताह के भीतर जांच करने का समय दिया है।

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    शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ में काशीपुर निवासी सुखविंदर सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया है कि यदि आर्डिटर्स ने वित्तीय कुप्रबंधन पर आपत्ति उठाई थी तो बाेर्ड आफ डायरेक्टर्स की जिम्मेदारी थी कि कुप्रबंधन की समीक्षा कर आपत्तियों को दूर करे लेकिन पिछले दो साल से आडिट की आपत्तियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। याचिका में पूरे मामले की जांच की मांग की गई है।


    खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्च शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के सचिव को इस मामले पर विचार वित्तीय हेराफेरी से संबंधित आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने उच्च शिक्षा मंत्रालय को मामले की जांच करने के लिए आदेश मिलने की तारीख से चार सप्ताह का समय तय किया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता डा. कार्तिकेय हरि गुप्ता के अनुसार इस मामले में कोर्ट ने जांच के आदेश पारित किए हैं।