Updated: Wed, 08 Oct 2025 11:03 AM (IST)
नैनीताल हाई कोर्ट ने नर्सिंग ऑफिसर भर्ती परीक्षा 2024 में आयु गणना की कटऑफ तिथि 1 जुलाई 2020 निर्धारित करने का आदेश दिया। कोर्ट ने उत्तराखंड मेडिकल सर्विस सलेक्शन बोर्ड को याचिकाकर्ताओं के लिए यह तिथि मानने के निर्देश दिए जिससे अभ्यर्थियों को राहत मिली। याचिकाकर्ताओं ने विज्ञापन की शर्तों को चुनौती दी थी जिसके कारण वे ओवरएज हो रहे थे।
जागरण संवाददाता, नैनीताल। हाई कोर्ट ने नर्सिंग आफिसर भर्ती परीक्षा 2024 के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय पारित किया है। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ ने अमिता विलियम और अन्य याचिकाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तराखंड मेडिकल सर्विस सलेक्शन बोर्ड को निर्देश दिए हैं कि 11 मार्च 2024 को जारी विज्ञापन के तहत याचिकाकर्ताओं के लिए आयु गणना की कटआफ डेट पहली जुलाई 2020 मानी जाए।
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कोर्ट के निर्णय से अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है। याचिकाकर्ताओं ने उत्तराखंड मेडिकल सर्विस सलेक्शन बोर्ड की ओर से राजकीय मेडिकल कालेजों में 1455 नर्सिंग आफिसर पदों के लिए जारी विज्ञापन की कुछ शर्तों को चुनौती दी थी।
विज्ञापन में आयु गणना की कटआफ डेट पहली जुलाई 2023 निर्धारित की गई थी, जिस कारण याचिकाकर्ता, जिनकी अधिकतम आयु सीमा 42 वर्ष है, वह ओवर एज हो गए थे। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि वह उत्तराखंड बोर्ड आफ टेक्निकल एजुकेशन की ओर से 12 दिसंबर 2020 और दो फरवरी 2021 को जारी विज्ञापनों के समय आयु सीमा के भीतर थे, जिसकी कटआफ डेट पहली जुलाई 2020 थी।
एकलपीठ ने यह पाया कि भर्ती प्रक्रिया बार-बार रद होने या पूरी न हो पाने के लिए याचिकाकर्ताओं को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। चूंकि पहले विज्ञापित रिक्तियां आज तक नहीं भरी गई हैं, इसलिए चयन प्रक्रिया पूरी करने में हुई देरी का खामियाजा उम्मीदवारों नहीं क्यों भुगतेंगे।
कोर्ट ने कहा नियमों में बदलाव के बावजूद, जब पिछली भर्तियों में आयु निर्धारण की तिथि पहली जुलाई 2020 थी, तो उन्हीं पदों को दोबारा विज्ञापित करने पर याचिकाकर्ताओं के लिए भी वही कटआफ डेट लागू होनी चाहिए।
समान मामले में पूर्व निर्णय का हवाला
याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने बताया कि पहले भी न्यायालय की एक समन्वय पीठ आयु निर्धारण की कटआफ डेट पहली जुलाई 2020 तय की गई है। उत्तराखंड मेडिकल सर्विस सलेक्शन बोर्ड के अधिवक्ता ने भी स्वीकार किया कि वर्तमान याचिकाओं में शामिल मामला पूर्व में तय किए गए मामले के समान ही है।
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि अंतरिम आदेशों के तहत इन याचिकाओं में शामिल जिन अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति दी गई थी, उनका परिणाम अब उत्तराखंड मेडिकल सर्विस सलेक्शन बोर्ड की ओर से घोषित किया जाए। यह निर्णय उन सभी मेहनती उम्मीदवारों के लिए बड़ी जीत है जो सरकारी प्रक्रियाओं में विलंब के कारण नौकरी से वंचित हो रहे थे।
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