Corbett Tiger Reserve में अब पर्यटकों को जैव विविधता केंद्र तैयार, बाघ के अलावा दिखेंगी रंग-बिरंगी तितलियां
बाघ व अन्य वन्यजीवों के दीदार के लिए कार्बेट टाइगर रिजर्व आने वाले पर्यटकों को तितलियां भी देखने को मिलेंगी। पार्क में आने वाले पर्यटकों से शुल्क लिए जाने को लेकर पार्क प्रशासन होमवर्क कर रहा है। अगले पर्यटन सीजन से इसके पर्यटकों के लिए खुलने की उम्मीद है। ढेला पर्यटन जोन के प्रवेशद्वार पर तीन साल पूर्व करीब दो हेक्टेयर भूमि में जैव विविधता पार्क बनाया गया था।

नैनीताल, जागरण संवाददाता। बाघ व अन्य वन्यजीवों के दीदार के लिए कार्बेट टाइगर रिजर्व आने वाले पर्यटकों के लिए अब ढेला रेंज में जैव विविधता केंद्र विधिवत शुरू करने की तैयारी है। अप्रैल में जैव विविधता केंद्र का कार्य पूरा कर दिया गया था। यहां तितलियों को आकर्षित करने के लिए 58 प्रजाति के पौधे लगाए गए हैं। अब तक यहां राज्य तितली का दर्जा पा चुकी कामन पीकाक समेत 22 प्रजातियां नजर आई हैं।
पार्क में आने वाले पर्यटकों से शुल्क लिए जाने को लेकर पार्क प्रशासन होमवर्क कर रहा है। अगले पर्यटन सीजन से इसके पर्यटकों के लिए खुलने की उम्मीद है। ढेला पर्यटन जोन के प्रवेशद्वार पर तीन साल पूर्व करीब दो हेक्टेयर भूमि में जैव विविधता पार्क बनाया गया था। इसे बनाने का उद्देश्य पर्यटकों व बच्चों को जैव विविधता के बारे में जागरूक करना है।
लगाए गए 58 प्रजाति के पौधे
पार्क में तितलियों को आकर्षित करने के लिए 58 प्रजाति के पौधों के साथ ही इसे हरा-भरा बनाया गया है। 27 अप्रैल को विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने पार्क का उद्घाटन किया, लेकिन इसे विधिवत रूप से पर्यटकों के लिए नहीं खोला जा सका। इधर, पार्क में लगाए गए पौधों को बचाए रखने व रखरखाव में विभाग का खर्च भी हो रहा है। ऐसे में अब रखरखाव पर आने वाले खर्च को भी पर्यटकों से शुल्क के रूप में लेने का निर्णय लिया है। पर्यटकों से शुल्क कितना लिया जाए इस पर विभाग मंथन कर रहा है।
पौधों में तितलियां देती है अंडे
पार्क में तितलियों के पंसद वाले पौधे लगाए गए हैं। यहां कामन पिकाक तितली की 22 प्रजाति यहां देखी गई है। इसके अलावा 21 ऐसी प्रजाति ऐसी भी यहां हैं जो बहुत कम दिखती हैं। इन पौधों में तितलियां आकर अंडे देती है। तितली विशेषज्ञ संजय छिम्वाल बताते हैं कि पार्क में मुख्य रूप से बारोनेट, कॉमन पैंसी, कामन टाइगर, कामन लेपर्ड, कामन सेलर, कॉमन क्रो, स्ट्राइप्ड टाइगर आदि प्रजाति की तितली है। जबकि एकैसिया, कनेर, रेन लिली, इंडियन गुलाब, जूही, टिकोमा, चांदनी वेरिगेटेड, जएरिका पाम, मिल्क वीड, रेटल पाड, बंबू ग्रास आदि के पौधे लगाए गए हैं।
अधिकारी ने कही ये बात
जैव विविधता केंद्र को विधिवत रूप से सुचारू करेंगे। अभी जो पर्यटक देखना चाहते हैं उनसे कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है। केंद्र का बेहतर रखरखाव हो और पार्क खराब नहीं हो, इसलिए शुल्क निर्धारण किया जा रहा है। जिससे राजस्व भी मिलेगा और पार्क का रखरखाव भी हो सकेगा। डा. धीरज पांडे, निदेशक, कार्बेट टाइगर रिजर्व
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