लोगों ने चंदा जुटाकर निकिता और रिया को भेजा देहरादून, गोल्ड मेडल लेकर लौटीं बेटियां
पांखू क्षेत्र की दो बालिकाओं ने प्रदेश का नाम रोशन किया है। चंदा जुटाकर राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए देहरादून गईं निकिता व रिया वहां से स्वर्ण पदक के साथ लौटीं।
थल (पिथौरागढ़) जेएनएन : संघर्ष से हासिल उपलब्धियों की खुशी का मजा ही कुछ और होता है। उसमें होती है अपनी प्रतिभा, अपने होने का मैं और लोगों की नजरों में ऊंचा होने का आेहदा। यही खुशी हासिल की है पिथौरागढ़ उन बेटियों ने जिनके पास प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए देहरादून पहुंचने तक के पैसे न थे। जी हां जिले के पांखू क्षेत्र की दो बालिकाओं ने प्रदेश का नाम रोशन किया है। चंदा जुटाकर राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए देहरादून गईं निकिता और रिया वहां से स्वर्ण पदक के साथ लौटी हैं। दोनों का चयन राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए हुआ है। पांखू पहुंचने पर लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया।
18 से 21 सितंबर तक देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोट्र्स कॉलेज में राज्य स्तरीय बेसिक एथलेटिक्स प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। पिथौरागढ़ जिले से जूनियर वर्ग में पांखू क्षेत्र की निकिता कार्की ने 600 मीटर व 400 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक हासिल किया। वहीं, प्राथमिक वर्ग की 400 मीटर दौड़ में पांखू की ही रिया अंडोला ने भी स्वर्ण पदक जीता। निकिता स्थानीय सरस्वती विद्या मंदिर पांखू में कक्षा सात और रिया वेकन पब्लिक स्कूल में कक्षा पांच में पढ़ती हैं।
लोगों ने चंदा इकठ्ठा कर बेटियों को भेजा
दोनों बालिकाओं को देहरादून भेजने के लिए इन विद्यालयों व अभिभावकों ने हाथ खड़े कर लिए थे। ऐसे में पांखू क्षेत्र की जनता द्वारा पांच हजार की धनराशि एकत्रित कर बालिकाओं को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए देहरादून भेजकर उनका हौसला बढ़ाया। दोनों बालिकाएं क्षेत्र की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरकर स्वर्ण पदक जीतकर वापस लौटीं। सोमवार को पांखू पहुंचने पर निकिता व रिया का फूलमालाओं से जोरदार स्वागत किया गया। दोनों बालिकाएं राष्ट्रीय स्तर पर भी पदक जीतकर क्षेत्र का नाम रोशन करेंगी। स्वागत करने वालों में देवेंद्र सिंह कार्की, नंदन सिंह कार्की, व्यायाम शिक्षक वंशीधर जोशी, कोच प्रवीण सिंह कार्की आदि शामिल थे।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
शौकत अली, जिला शिक्षाधिकारी प्रारंभिक ने बताया कि खेलकूद प्रतियोगिता हेतु बजट केवल शासकीय विद्यालयों के लिए आता है। निजी विद्यालयों के बच्चों के लिए बजट का कोई प्रावधान नहीं है।
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