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    डबल मर्डर केस में एनएसजी कमाडो लक्की सहित पाच बरी

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    Updated: Wed, 07 Mar 2018 10:19 AM (IST)

    शहर के चर्चित राजू परगाई और अमित आर्य हत्याकाड में एडीजे-प्रथम नितिन शर्मा की अदालत ने मुख्य आरोपित लक्की कमाडो सहित पाचों आरोपितों को साक्ष्य के अभाव ...और पढ़ें

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    डबल मर्डर केस में एनएसजी कमाडो लक्की सहित पाच बरी

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : शहर के चर्चित राजू परगाई और अमित आर्य हत्याकाड में एडीजे-प्रथम नितिन शर्मा की अदालत ने मुख्य आरोपित लक्की कमाडो सहित पाचों आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। दोहरे हत्याकांड का मामला 5 सितंबर 2011 का है। घटनाक्रम के मुताबिक भवाली-रामगढ़ रोड पर श्यामखेत के समीप कठघरिया निवासी राजू परगाई उर्फ राजू बिष्ट तथा उसके साथी अमित आर्य की एक कार में लाश मिली थी। राजू के भाई जमन सिंह ने अगले दिन भवाली थाने में कठघरिया निवासी लक्की कमाडो उर्फ लक्ष्मण सिंह बिष्ट और उसके साथियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि राजू और अमित को लक्की गाड़ी में हल्द्वानी से बैठाकर ले गया। पीछे से दूसरी कार में लक्की के साथी चौफुला दमुवाढूंगा निवासी हृदयेश कुमार, दमुवाढूंगा का ही मनीष कुमार उर्फ मंटू, कुसुमखेड़ा निवासी वीरेंद्र सिंह बोरा तथा कठघरिया निवासी प्रकाश सिंह बोरा भी मौके पर पहुंच गए। इन पाचों ने मिलकर राजू और अमित की हत्या कर दी। पुलिस ने जांच में राजू और अमित की हत्या के पीछे वजह 2010 के योगेश सुनोरी हत्याकाड को माना। दरअसल योगेश हृदयेश कुमार का दोस्त था। राजू योगेश से रंजिश रखता था इसलिए राजू ने उसकी हत्या हल्द्वानी में दिनदहाड़े गोली मारकर कर दी थी। योगेश की हत्या का बदला लेने के लिए ही हृदयेश और लक्की ने इस हत्याकाड को अंजाम दिया। न्यायालय में विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष ने नौ गवाह पेश कराए। बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता बहादुर सिंह पाल, राजेंद्र सिंह एवं अनिल रजवार ने पैरवी की। दोनों पक्षों की बहस सुनने और उपलब्ध साक्ष्य के क्रम में न्यायालय ने माना कि अभियोजन यह साबित नहीं कर सका कि दोनों की हत्या इन्हीं पाच आरोपितों ने की है। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी गवाह भी नहीं था। परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने पाचों को दोषमुक्त करार दिया। -------- तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में भी तैनात रहा है लक्की हल्द्वानी : एनएसजी कमाडो लक्की 2011 से पूर्व तीन-तीन माह की ड्यूटी के क्रम में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में भी तैनात रहा है। 2011 में घटना से कुछ दिन पूर्व ही लक्की छुट्टी पर घर आया था। ------ कोर्ट परिसर में तैनात रही फोर्स हल्द्वानी : चर्चित हत्याकांड में फैसला आने को देखते हुए सुबह से ही पुलिस महकमा भी अलर्ट हो गया था। फैसला आरोपितों के खिलाफ आने की और उसके बाद कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की संभावना थी। इसे देखते हुए कोतवाल केआर पांडे टीम के साथ सायं पांच बजे फैसला आने तक डटे रहे। बीच में कोर्ट परिसर में एकत्र हुए तमाम युवकों को बाहर भी कराया गया।

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