गेंहू के खेत में ठंड में ठिठुर रहा था नवजात, रोने की आवाज सुन पहुंची महिला ने सीने से लगाया
काशीपुर के श्यामपुरम में हरीशंकर मंदिर के पास रविवार सुबह एक नवजात गेहूं के खेत में ठंड में ठिठुरता मिला। एक महिला ने उसे उठाकर एलडी भट्ट चिकित्सालय पहुंचा।
काशीपुर, जेएनएन : काशीपुर के श्यामपुरम में हरीशंकर मंदिर के पास रविवार सुबह एक नवजात गेहूं के खेत में ठंड में ठिठुरता मिला। एक महिला ने उसे उठाकर एलडी भट्ट चिकित्सालय पहुंचा। जहां से बाल रोग विशेषज्ञ न होने के चलते निजी अस्पताल रेफर कर दिया गया। बच्चे की पल्स नहीं मिल रही है। ठंड लगने से वह निमोनिक हो गया है।
महिला ने बच्चे को लगा लिया सीने से
श्यामपुरम कॉलोनी में स्थानीय दीपा नामक महिला रविवार की सड़क से गुजर रही थी, इसी दौरान उसे बच्चे के रोने की आवाज आई। उसने बगल में खेत में जाकर देखा तो नवजात रो रहा था। उसके शरीर पर कपड़े तक नहीं थे। महिला ने तुरंत बच्चे को उठाकर सीने से लगाया और उसकी हालात देखते हुए उसे एलडी भट्ट अस्पताल लेकर पहुंची। अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ न होने के चलते नवजात को डॉ. आनंद मोहन अपने अस्पताल ले आए और उसे एनआइसीयू में भर्ती कर स्थिति नियंत्रित करने में जुटे रहे।
बच्चे का वजन दो किलो चार सौ ग्राम
चिकित्सक ने बताया कि बच्चे का वजन दो किलो चार सौ ग्राम के करीब है। ठंड लगने के चलते पल्स में गिरावट आई है। ठंड के चलते बच्चा निमोनिया का भी शिकार हो गया है। हालात सामान्य करने की कोशिश की जा रही है। फिलहाल हालात में सामान्य सुधार देखा जा रहा है।
बाल रोग विशेषज्ञ न होना फिर अखरा
तकरीबन पांच लाख की आबादी के लिए लाइफ लाइन कहे जाने वाले एलडी भट्ट अस्पताल में एक बार फिर बाल रोग विशेषज्ञ का न होना काशीपुर के लोगों को अखर गया। एलडी भट्ट अस्पताल में लंबे समय से बाल रोग विशेषज्ञ नहीं है। इसके लिए समय-समय पर अस्पताल प्रशासन की ओर से स्वास्थ्य महकमें को पत्र भी लिखा गया है, लेकिन अभी तक आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। वहीं वीके टम्टा, चिकित्सा अधीक्षक, एलडी भट्ट अस्पताल ने बताया कि प्राथमिक तौर पर नवजात को इलाज दिया गया। बाल रोग विशेषज्ञ न होने के चलते बच्चे को रेफर करना पड़ा। अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ न होने की वजह से परेशानी हो रही है
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