Vinay Mohan Kwatra : कौन हैं देश के नए विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा, पंत विवि से रहा है गहरा नाता
Vinay Mohan Kwatra विनय मोहन क्वात्रा को 1980 में दिल्ली विवि व जीबी पंत विवि दोनों जगह प्रवेश मिला। गांव व प्रकृति प्रेमी क्वात्रा ने दिल्ली को छोड़ पंत विवि को चुना। यहां से उन्होनें स्नातक व पीजी की।
अरविंद सिंह, रुद्रपुर : Vinay Mohan Kwatra नेपाल में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा (Foreign Secretary Vinay Mohan Kwatra) मई से देश के नए विदेश सचिव का कार्यभार संभालेंगे। वह हर्षवर्धन श्रृंगला (Harsh Vardhan Shringla) की जगह लेंगे। क्वात्रा में विद्यार्थी जीवन से ही कुछ अलग करने की सोच थी। यही कारण था कि 1980 में दिल्ली विवि में प्रवेश मिलने के बावजूद उन्होंने गांव व हरियाली के बीच स्थित जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक पंतनगर (GB Pant University) को अध्ययन के लिए चुना।
विवि से स्नातक व परास्नातक करने वाले क्वात्रा मेधावी होने के साथ-साथ एकमात्र ऐसे छात्र थे जो स्टाइलिश दाढ़ी रखते थे। वर्तमान में नेपाल में भारत के राजदूत क्वात्रा मई से विदेश सचिव का कार्यभार संभालेंगे।
रोहिणी कालोनी दिल्ली निवासी विनय मोहन क्वात्रा ने इंटरमीडिएट केंद्रीय विद्यालय दिल्ली से किया। बाद में दिल्ली व पंत विवि में प्रवेश के लिए आवेदन किया तो दोनों जगह उनका चयन हो गया।
दिल्ली छोड़ उन्होंने 1980 में पंत विवि में कृषि एवं पशु पोषण विज्ञान विषय में स्नातक स्तर पर प्रवेश लिया। 1985 में यहीं से सस्य विज्ञान विषय में परास्नातक डिग्री भी ली।
पंत विवि में पढ़ाई की वजह वह अपने दोस्तों को यही बताते थे कि गांव के बीच रहकर पढऩा चाहते थे। ताकि किसानों के साथ ही गांव व ग्रामीणों के लिए विकास की सोच को आगे बढ़ा सकें। स्नातक की पढ़ाई के दौरान वह गांधी व सुभाष छात्रावास में और परास्नातक चितरंजन छात्रावास में रहते थे।
बहुत पढ़ाकू थे क्वात्रा
पंत विवि के उद्यान विज्ञान विभाग के हेड डा. डीसी डिमरी बताते हैं कि विनय मोहन उन्हीं के बैच के थे। बहुत मिलनसार और खूब पढ़ाई करते थे। विवि में उनके रूम मेट रहे विनय के अलावा एमवी वेणुगोपालन भी वर्तमान में प्रसिद्ध विज्ञानी हैं।
पाकिस्तान से रुद्रपुर आए थे क्वात्रा के नाना
कृषि विज्ञान केंद्र काशीपुर के प्रभारी व कृषि प्रसार कुमाऊं के संयुक्त निदेशक डा. जितेंद्र क्वात्रा ने बताया कि विनय मोहन उनके मौसेरे भाई हैं। वह फ्रांस के राजदूत भी रह चुके हैं। बताया कि देश के बंटवारे के समय उनके नाना देसराज धमीजा पश्चिमी पाकिस्तान से विस्थापित होकर रुद्रपुर आए थे।
जुलाई 1985 में परास्नातक की डिग्री लेने के बाद विनय का चयन दक्षिण भारत में पीएनबी में पीओ पद पर हुआ था। कुछ साल नौकरी के बाद खुद की मेहनत के बूते उनका चयन भारतीय विदेश सेवा में हुआ। क्वात्रा मई से विदेश सचिव का कार्यभार संभालेंगे।