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    नई शिक्षा निती के तहत Graduation सेलेबस में बड़ा बदलाव, Third Year में अब सिर्फ दो मुख्य विषयों की होगी पढ़ाई

    Updated: Sat, 08 Jun 2024 03:13 PM (IST)

    New Education Policy नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्नातक तृतीय वर्ष (पांचवें व छठे सेमेस्टर) में दो मुख्य विषय की पढ़ाई का प्रविधान है। प्रदेश में सत्र 2022-23 से स्नातक में एनईपी के तहत प्रवेश दिए जा रहे हैं। नई व्यवस्था में चार वर्षीय डिग्री कार्यक्रम लागू किया गया है। इसमें यूजी स्तर पर तीन मेजर एक माइनर एक-एक स्किल और को-करिकुलर विषय की पढ़ाई करना अनिवार्य है।

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    New Education Policy: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रविधान इस सत्र से होगा प्रभावी

    सुमित जोशी, जागरण हल्द्वानी : New Education Policy: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्नातक तृतीय वर्ष (पांचवें व छठे सेमेस्टर) में दो मुख्य विषय की पढ़ाई का प्रविधान है। ऐसे में कुमाऊं विश्वविद्यालय के यूजी चौथे सेमेस्टर की परीक्षा पास कर पांचवें सेमेस्टर में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को तीन मेजर विषयों में से दो का चयन करना होगा।

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    इनमें से एक सब्जेक्ट को छात्र चौथे वर्ष में विशेषज्ञता विषय के रूप में चुन सकेंगे। वहीं माइनर और स्किल कोर्स तीसरे वर्ष से हट जाएगा, जबकि को-करिकुलर विषय पढ़ना होगा। इसी बार से यह व्यवस्था प्रभावी हो जाएगी।

    प्रदेश में सत्र 2022-23 से स्नातक में एनईपी के तहत प्रवेश दिए जा रहे हैं। नई व्यवस्था में चार वर्षीय डिग्री कार्यक्रम लागू किया गया है। इसमें यूजी स्तर पर तीन मेजर, एक माइनर, एक-एक स्किल और को-करिकुलर विषय की पढ़ाई करना अनिवार्य है। कुमाऊं विवि में एनईपी का पहला बैच इस बार तीसरे वर्ष में पहुंच रहा है।

    ऐसे में पांचवें सेमेस्टर में पढ़ाई की व्यवस्था में बदलाव हो जाएगा। पुरानी व्यवस्था में तीसरे वर्ष में छात्र तीन विषयों की पढ़ाई करते थे, जबकि एनईपी के प्रविधानों के अनुसार अपने मूल संकाय से लिए गए मेजर विषय ही पढ़ने होंगे। तीन मेजर विषयों की शृंखला में दो विषय चयनित करने होंगे। ऐसे में विद्यार्थियों पर पढ़ाई का भार भी कम हो जाएगा। साथ ही तीसरे वर्ष में छात्र-छात्राएं अपने भविष्य की स्पष्ट योजना भी तैयार कर पाएंगे।

    चौथे वर्ष में मिलेगी स्नातक शोध की उपाधि

    स्नातक तृतीय वर्ष में दो मेजर विषय चुनते समय छात्रों को यह ध्यान रखना होगा कि वह चौथे वर्ष में किस सब्जेक्ट में विशेषज्ञता की उपाधि लेना चाहते हैं। उन्हीं दो में से एक को सातवें सेमेस्टर में लेकर पढ़ाई में आगे बढ़ सकेंगे। साथ ही उन्हें चौथे वर्ष का विकल्प लेने पर संबंधित विषय में ही स्नातक आनर्स अथवा शोध की उपाधि दी जाएगी। स्नातकोत्तर और पीएचडी भी चौथे सेमेस्टर में लिए गए विषय में ही कर पाएंगे।

    ऐसे करें विषय का चयन :

    अगर आप बीए के विद्यार्थी हैं और चौथे सेमेस्टर तक मेजर विषय के रूप में हिंदी, राजनीति विज्ञान और समाज शास्त्र विषय पढ़ा है, तो तीसरे वर्ष (पांचवें सेमेस्टर) में संबंधित तीन में दो का चयन करना होगा। यदि आपने हिंदी व राजनीति विज्ञान चुना है तो चौथे वर्ष (सातवें सेमेस्टर) में इन्हीं में से एक विषय ले पाएंगे।

    वर्ष 2022-23 से प्रभावी एनईपी के ड्राफ्ट के अनुसार स्नातक में पढ़ाई की व्यवस्था जारी है। तीसरे वर्ष यानी पांचवें सेमेस्टर में छात्रों को दो मेजर विषयों की पढ़ाई करनी होगी।

    - प्रो. संजय पंत, समन्वयक एनईपी, कुमाऊं विवि

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