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    नो मेंस लैंड पर नेपालियों ने लगाए 15 पिलर, बंधे का काम रुकवाया, एसएसबी जवानों से भी उलझे

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Thu, 23 Jul 2020 03:09 PM (IST)

    भारत के कालापानी गब्र्यांग और कुटी को अपना बताने के बाद बुधवार को नेपाली नागरिक शारदा बैराज से नेपाल ब्रम्हदेव जाने वाले मार्ग पर पिलर लगाकर तारबाड़ करने लगे।

    नो मेंस लैंड पर नेपालियों ने लगाए 15 पिलर, बंधे का काम रुकवाया, एसएसबी जवानों से भी उलझे

    टनकपुर (चम्पावत) जेएनएन : भारत-नेपाल के मध्य सीमा विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत के कालापानी, गब्र्यांग और कुटी को अपना बताने के बाद बुधवार को नेपाली नागरिक शारदा बैराज से नेपाल ब्रम्हदेव जाने वाले मार्ग पर पिलर लगाकर तारबाड़ करने लगे। एसएसबी डिप्टी कमांडेंट ने काम बंद करने को कहा तो वे उनसे भी उलझ गए। इस पर एसएसबी ने नेपाल के कंचनपुर एसपी को फोन कर जानकारी दी। उन्होंने गुरुवार को निरीक्षण के लिए कहा है। वहीं दूसरी तरफ नेपाली नागरिकों ने एनएचपीसी की ओर से की जा रही शारादा बैराज की मरम्मत को भी रोक दिया है।  

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    भारत-नेपाल के बीच सीमांकन वाले कई पिलर गायब हो गए हैं। इस कारण नेपाल के लोग नो मेंस लैंड पर खेती कर रहे हैं। बीच में सीमांकन का कार्य तो हुआ, लेकिन वह बीच में ही रुक गया। इधर, टनकपुर शारदा बैराज से ब्रह्रम्देव जाने वाले मार्ग पर पिलर नंबर 811 था, जो बह गया। इस पर बुधवार को नेपाल वन समिति व नेपाली नागरिक नो मेंस लैंड पर पिलर लगाकर तारबाड़ करने लगे। इसपर एसएसबी डिप्टी कमांडेंट मुरारी लाल टीम के साथ मौके पर पहुंचे। काम रोकने के लिए कहे, लेकिन नेपाली नागरिक नहीं माने और 15 पिलर लगा दिए।  

     

    डिप्टी कमांडेंट ने नेपाल के एसपी कंचनपुर से फोन पर वार्ता कर मामले की जानकारी दी। एसपी गुरुवार को मौके का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद नेपाली नागरिक आक्रोशित हो गए। उन्होंने शारदा नदी को अपनी बताकर एनएचपीसी की ओर से कराए गए मरम्मत कार्य को भी रोक दिया। सूचना पर कोतवाल धीरेंद्र कुमार भी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। देर शाम मामला किसी तरह से शांत हुआ।    

     

    लोकेश्वर सिंह, एसपी चम्पावत ने बताया कि नेपाल वन समिति व नेपाली नागरिक मिसिंग पिलर 811 पर नो मेंस लैैंड में तारबाड़ करने के लिए पिलर लगा रहे थे। सूचना पर पहुंची एसएसबी ने काम रुकवा दिया। एसपी कंचनपुर को सूचना दी गई है। गुरुवार को वह एसएसबी के साथ निरीक्षण करेंगे। सभी पिलरों को हटाया जाएगा।

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