चीन सीमा तक सड़क बना रहा नेपाल, नेपाली थल सेनाध्यक्ष शर्मा ने किया निर्माणाधीन रोड का हवाई सर्वे
भारत के कालापानी क्षेत्र में विवाद खड़ा करने के बाद नेपाल ने भारत की तरह ही चीन सीमा तक सड़क पहुंचाने का कार्य शुरू कर दिया है। भारत ने दो वर्ष पूर्व उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में तवाघाट से लिपूलेेक तक सामरिक दृष्टि की बेहद महत्वपूर्ण सड़क तैयार की है।

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : भारत-नेपाल और चीन सीमा से लगे क्षेत्र में नेपाल ने सड़क निर्माण का कार्य तेज कर दिया है। सामरिक महत्व की इस सड़क के बड़े हिस्से का निर्माण नेपाली सेना खुद करा रही है। नेपाली सेना के थल सेनाध्यक्ष प्रभुराज शर्मा ने सीमा क्षेत्र की इस सड़क का हवाई सर्वे किया है।
भारत और चीन से लगी सीमा पर नेपाल भी अपना सड़क नेटवर्क बड़ा रहा है। भारत के कालापानी क्षेत्र में विवाद खड़ा करने के बाद नेपाल ने भारत की तरह ही चीन सीमा तक सड़क पहुंचाने का कार्य शुरू कर दिया है। भारत ने दो वर्ष पूर्व उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में तवाघाट से लिपूलेेक तक सामरिक दृष्टि की बेहद महत्वपूर्ण सड़क तैयार की है। इस सड़क के निर्माण के बाद भारत की चीन सीमा तक पहुंच आसान हो गई है।
भारत में सड़क का निर्माण हो जाने के बाद नेपाल ने भी ब्रहमदेव से चीन सीमा से लगे तिंकर तक सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। मैदानी क्षेत्र में जहां सड़क निर्माण नेपाल की सड़क निर्माण एजेंसियां कर रही हैं, वहीं दार्चुला से तिंकर तक की बेहद विषम भाैगोलिक क्षेत्र में सड़क निर्माण का कार्य सेना को सौंपा गया है। करीब 90 किमी. लंबी इस सड़क में कठोर चट्टानें हैं। इन कठोर चट्टानों को काटकर सड़क बनाने का दायित्व सेना को सौंपा गया है।
चीन सीमा तक आसानी से पहुंच सकेगी नेपाली सेना
माना जा रहा है कि नेपाल के कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों में चीन के कब्जा कर लेने का मामला सामने आने के बाद नेपाल चीन से लगी अपनी सीमा को लेकर बेहद सतर्क हो गया है। चीन और भारत से लगी अपनी सीमा पर नेपाल बीओपी (बार्डर आउटपोस्ट) बढ़ा रहा है। इस सड़क का निर्माण हो जाने के बाद नेपाली सेना की चीन सीमा तक पहुंच आसान हो जाएगी। सड़क का निर्माण जल्द पूरा कराने को लेकर नेपाल थल सेनाध्यक्ष प्रभुराम शर्मा ने सीमा क्षेत्र में निर्माणाधीन सड़क का निरीक्षण करने के बाद सेना के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
काली नदी बनाती है भारत और नेपाल के बीच सीमा
जिस क्षेत्र में नेपाल सड़क का निर्माण करा रहा है। उस क्षेत्र में काली नदी भारत और नेपाल के बीच सीमा रेखा बनाती है। भारत ने काली नदी के किनारे चीन सीमा तक तवाघाट-लिपूलेक सड़क का निर्माण पूरा कर लिया है। नेपाल भी काली नदी के दूसरे छोर पर अपने क्षेत्र में सड़क निर्माण में जुटा है। इस सड़क के पूरा हो जाने के बाद काली नदी पर बनने वाले पुलों के जरिए भारत और नेपाल के सीमा क्षेत्रों के लोग आसानी से एक दूसरे के देश में आवागमन कर सकेंगे। इस समय इस सीमा क्षेत्र में झूला पुलों के जरिए ही भारत और नेपाल के बीच आवागमन होता है।
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