India-Nepal Border Dispute : नेपाल विरोधी बना, नागरिक भारत के साथ, दो माह में तीन हजार नेपाली भारत आए
लिपुलेख कालापानी और लिंपियाधुरा को अपने वतन के मानचित्र में शामिल कर एक तरफ नेपाल भारत के विरोध में उतरा है मगर दूसरी ओर इस मुल्क की भारत पर निर्भरता कम नहीं हुई है।
चम्पावत, जेएनएन : लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपने वतन के मानचित्र में शामिल कर एक तरफ नेपाल भारत के विरोध में उतरा है, मगर दूसरी ओर इस मुल्क की भारत पर निर्भरता कम नहीं हुई है। सीमा को लेकर विवाद के बाद दोनों देशों के खुले बॉर्डर पर माहौल पहले ही अपेक्षा जुदा है। फिर भी नेपाल के अधिकांश मजदूर दो वक्त की रोटी की खातिर भारत का ही सहारा ले रहे हैं। यही वजह है कि बीते दो माह में हजारों नेपाली मजदूर रोजगार के लिए भारत के कई हिस्सों में पहुंच गए हैं। अकेले बनबसा बॉर्डर से ही करीब तीन हजार नेपाली श्रमिक भारत आ चुके हैं।
कोविड-19 के चलते भारत-नेपाल सीमा बंद होने के बाद भी भारत सरकार ने उन नेपाली नागरिकों के लिए रोजगार के रास्ते खोले हैं, जिन्होंने भारतीय दस्तावेज आधार कार्ड, वोटर आइडी आदि बना लिए हैं। बनबसा से लगी भारत-नेपाल सीमा से प्रतिदिन लगभग 40 से 50 नेपाली नागरिक प्रवेश कर रहे हैं। ये लोग सुरक्षा एजेंसियों को भारतीय आइडी यानी आधार कार्ड या फिर अन्य भारतीय वैध दस्तावेज दिखाकर रोजगार के लिए भारत आ रहे हैं। भारत से नेपाल को नमक से लेकर डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस, अनाज व सब्जियों की तक सप्लाई हो रही है। पुलिस के अनुसार अकेले बनबसा बॉर्डर क्रॉस कर तीन हजार नेपाली मजदूर भारत के विभिन्न शहरों में लौट आए हैं। इनमें अधिकतर मजदूर कंचनपुर जिले के हैं।
नेपाल के नागरिक भारत के पक्ष में
ब्रह्मदेव निवासी हरक सिंह थापा, जय सिंह थापा, जगन्नाथ थापा, महेंद्र सिंह कहते हैं कि नेपाल की आम जनता भारत से विरोध नहीं चाहती, लेकिन नेपाल सरकार चीन के दबाव में आकर दोनों देशों के बीच रोटी-बेटी के रिश्तों को खत्म करना चाहती है। नेपाल की जनता इसे सफल नहीं होने देगी। महेंद्र नगर के पदम राज जोशी कहते हैं कि भारत में रहकर काफी वर्षों से रोजगार कर रहा हूं। कोविड-19 के बाद अपने घर नेपाल चला गया था, लेकिन अब फिर भारत में रोजगार के लिए जा रहा हूं। यहीं के कर्ण बहादुर बोहरा, पदम राज भट्ट कहते हैं कि हमारी निर्भरता भारत पर ही है।
कोरोना संक्रमण के चलते लगा था प्रतिबंध
एसपी लोकेश्वर सिंह ने बताया कि इंडो-नेपाल बॉर्डर नेपाली नागरिकों के लिए बंद नहीं किया गया था। गृह मंत्रालय ने नेपाल के नागरिकों को छोड़ अन्य देशों से आने वाली नागरिकों की आवाजाही के लिए बंद किया गया था। नेपाली नागरिकों पर प्रतिबंध केवल कोरोना के चलते कुछ समय के लिए लगाया था। जिसे खोल दिया गया। सुबह छह से दस बजे तक नेपाली नागरिक बॉर्डर से आवाजाही कर सकते हैं। अब तक करीब तीन हजार श्रमिक भारत में रोजगार के लिए विभिन्न शहरों में जा चुके हैं।
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