India-Nepal Map Controversy: भारत के कालापानी पर दावे के लिए दस्तावेज तैयार करेगा नेपाल
कालापानी लिपुलेख लिम्पियाधुरा पर अपने अनुचित दावे को उचित ठहराने के लिए नेपाल ने नीति अनुसंधान आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष विष्णु राज उप्रेती के नेतृत्व में समिति गठित की है।
हल्द्वानी, अभिषेक राज : लिपुलेख-गर्बाधार सड़क निर्माण के बाद भारत विरोध में जुटे नेपाल की हरकत नहीं सुधर रही है। कालापानी, लिपुलेख, लिम्पियाधुरा पर अब उसने अपने अनुचित दावे को उचित ठहराने के लिए नीति अनुसंधान आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष विष्णु राज उप्रेती के नेतृत्व में विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। इसमें विदेश मंत्री और विदेश सचिव को भी शामिल किया है। इस सिलसिले में आइबी सहित दूसरी सुरक्षा एजेंसियों ने केंद्र सरकार को जानकारी सौंपी है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार समिति को वैश्विक स्तर पर संबंधित स्थलों पर नेपाल की दावेदारी को सही ठहराने के लिए दस्तावेजी आधार तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। समिति ने शनिवार से काम शुरू भी कर दिया।
समिति ऐसे करेगी काम
विष्णु राज उप्रेती के अनुसार समिति भारत-नेपाल संबंधों और दोनों देशों के बीच हुईं संधियों को आधार बनाकर काम करेगी। हम विभिन्न संगठनों, व्यक्तियों और स्वदेशी के साथ विदेशी पुस्तकालयों, अभिलेखागार, संग्रहालयों, नेपाल-भारत सीमा का भी दौरा करेंगे। पूरी कोशिश लिम्पियाधुरा, कुटी, नबी, गुंजी, कालापानी और लिपुलेख से जुड़े दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियां एकत्र करने की हैं।
भारत-नेपाल मैत्री संघ से भी मांगा सहयोग
दोनों देशों के संबंधों पर काम करने वाली भारत-नेपाल मैत्री संघ से भी समिति ने अप्रत्यक्ष रूप से मदद मांगी है। संघ के अनिल गुप्ता ने नेपाल को दो टूक जवाब देते हुए कहा है कि कालापानी क्षेत्र पर उसके दावे से संबंधित कोई भी दस्तावेज या जानकारी उनके पास नहीं है। उनकी जानकारी में यह इलाका अर्से से भारत का हिस्सा रहा है।
ये दस्तावेज भी जुटाएगी समिति
समिति दोनों देशों के बीच कालापानी मसले पर हुए पत्रचार को भी समिति आधार बनाएगी। सरकारी रिपोर्ट, आदेश, प्रकाशन, संबंधित क्षेत्र में चलने वाली सरकारी योजनाएं, सरकारी दस्तावेज, सरकारी पत्राचार, प्रशासनिक आदेश और अन्य आधिकारिक तथ्य, न्यायालय के निर्णय, भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र और रसीद भी जुटाएगी।
नेपाल ने 18 मई को जारी किया नया नक्शा
गर्बाधार-लिपुलेख मार्ग को अतिक्रमण बता विरोध जता रहे नेपाल ने 18 मई 2020 को नया नक्शा जारी कर दिया। इसमें लिपुलेख और कालापानी को अपना बता नयी अंतरराष्ट्रीय सीमारेखा तय करने का दावा किया है। नेपाल ने सिर्फ उत्तराखंड से लगती 805 किमी सीमा में ही बदलाव किया है। लद्दाख, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम के साथ ही चीन से लगती सीमा को पूर्ववत ही रखा है।
नेपाल ने इन क्षेत्रों पर किया दावा : कुटी, कालापानी, नाबी, गुंजी, लिम्पियाधुरा