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    Uttarakhand News: नेपाल ने भारत के पांच हेक्टेयर भूमि पर किया अतिक्रमण, एसएसबी ने भेजी गृह मंत्रालय को रिपोर्ट

    एसएसबी के सहायक कमांडेंट अभिनव तोमर ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी निगरानी के कारण हाल के वर्षों में सीमा क्षेत्र से लगी भारतीय भूमि पर कोई स्थाई अतिक्रमण नहीं हुआ है। बताया कि नेपाल के अतिक्रमण की रिपोर्ट उच्च स्तर पर भेजी गई है।

    By Prashant MishraEdited By: Updated: Sat, 25 Jun 2022 07:47 AM (IST)
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    भारतीय वन क्षेत्र की करीब पांच हेक्टेयर जमीन पर में नेपाल की ओर से अतिक्रमण किया गया है।

    संवाद सहयोगी, चम्पावत : उत्तराखंड के चम्पावत जिले में नेपाल की भारत से सीमा लगती है। बताया जा रहा कि करीब तीन दशक से नेपाल समय-समय पर भारतीय क्षेत्र में अतिक्रमण करता रहा है। कई बार भारतीय सुरक्षाबलों द्वारा आपत्ति जताया जा चुका तो कई बार बलपूर्वक हटाया भी जा चुका है। पर नेपाली नागरिक सीमा पर अतिक्रमण से बाज नहीं आते। कई मौकों पर टकराव न हो इसके कारण नजरअंदाज भी किया जाता रहा है। 

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    जिले के सीमावर्ती क्षेत्र टनकपुर से लगी भारत-नेपाल सीमा पर भारतीय भूमि में नेपाली नागरिक लंबे समय से अतिक्रमण को संज्ञान में लिया गया है। इस बात का खुलासा एसएसबी और वन विभाग द्वारा भारत सरकार को भेजी गई सूचना के बाद हुआ।

    रिपोर्ट के मुताबिक अब तक भारत की पांच हेक्टेयर से कुछ अधिक भूमि पर नेपाल की ओर से अतिक्रमण हो चुका है। अतिक्रमण की रिपोर्ट एसएसबी और वन विभाग ने शासन और गृह मंत्रालय को भेजी है।

    एसएसबी की ओर से भेेजी गई रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि नेपाल की ओर से सीमा से लगी भारत की भूमि पर वर्ष 1995 से पहले से ही अतिक्रमण हो रहा है। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार भारतीय वन क्षेत्र की करीब पांच हेक्टेयर जमीन पर में नेपाल की ओर से अतिक्रमण किया गया है। जिसे अब नेपाल अपनी भूमि बताता है। जबकि इस भूमि को लेकर कई बार सीमा विवाद हो चुका है।

    अतिक्रमित जमीन पर नेपाल के पक्के मकानों के साथ ही अस्थाई झोपडिय़ां और दुकानें बनी हुई हैं। जानकारी के अनुसार भारत और नेपाल के रोटी बेटी के संबंधों के कारण भारत सरकार की ओर से भी छुटपुट घटनाओं पर ज्यादा सख्ती नहीं दिखाई जाती। इसी का फायदा नेपाली नागरिक उठाते हैं। दूसरी ओर नेपाल की ओर से समय-समय पर टनकपुर शारदा बैराज के समीप नो मैंस लैंड पर अतिक्रमण करने के मामले भी सामने आते रहे हैं।

    यह बात अलग है कि टनकपुर तहसील प्रशासन, एसएसबी और पुलिस के हस्तक्षेप के चलते अतिक्रमण को हटा दिया जाता है। एसएसबी के सहायक कमांडेंट अभिनव तोमर ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी निगरानी के कारण हाल के वर्षों में सीमा क्षेत्र से लगी भारतीय भूमि पर कोई स्थाई अतिक्रमण नहीं हुआ है। बताया कि नेपाल के अतिक्रमण की रिपोर्ट उच्च स्तर पर भेजी गई है।

    सर्वे ऑफ इंडिया और सर्वे ऑफ नेपाल की टीमें आगे की कार्रवाई करेंगी। वन विभाग ने इस बात को स्वीकार किया है कि अकेले टनकपुर की शारदा रेंज से लगी भारत-नेपाल सीमा के शारदा टापू समेत ब्रह्मदेव में कई जगहों पर तीन दशक से अतिक्रमण हो रहा है।