घायल व बीमार वन्य जीवों के उपचार के लिए डॉली रेंज में बनाया गया प्राकृतिक उपचार केंद्र
तराई पूर्वी वन विभाग के डॉली रेंज के जंगल में वन्य जीवों के लिए प्राकृतिक उपचार केंद्र बनाया गया है। जिसमें घायल या बीमार वन्य जीव को उपचार दिया जाता ...और पढ़ें

लालकुआं, जागरण संवाददाता : तराई पूर्वी वन विभाग के डॉली रेंज के जंगल में वन्य जीवों के लिए प्राकृतिक उपचार केंद्र बनाया गया है। जिसमें घायल या बीमार वन्य जीव को उपचार दिया जाता है। जंगलों में रहने वाले वन्यजीवों में अक्सर आपसी संघर्ष होते रहता है। जिसमें कई बार वन्यजीव घायल हो जाते हैं। उपचार नहीं मिलने के कारण कई बार वे दम तक तोड़ देते हैं। बीमार वन्य जीव भी उपचार नहीं मिलने के कारण कई बार वह अकाल मौत का शिकार हो जाते हैं।
इसको देखते हुए तराई पूर्वी वन प्रभाग के डॉली रेंज ने वर्ष 2015 में कोर्टखर्रा चौड़ बीट में ग्रास लैंड के पास वन्यजीवों के उपचार हेतु वन्य जीव प्राकृतिक उपचार केंद्र बनाया गया है। जिसके चारों तरफ से जाली लगाई गई है। उसके कुछ दूरी पर पानी का आर्टिजन भी लगाया गया है। यही नहीं उपचार केंद्र में औषधि पौधे भी लगाए गए हैं। जिसमें आपसी संघर्ष में घायल हुए जीवों के साथ ही बीमार जंगली जानवरों को भी प्राकृतिक उपचार दिया जाता है।
डॉली रेंज के वन क्षेत्राधिकारी अनिल जोशी ने बताया कि वन्य जीव के घायल या बीमार होने पर उसे रेक्सयू कर प्राकृतिक उपचार केंद्र में रखा जाता है। चारों तरफ जाली से बनाए गए प्राकृतिक उपचार केंद्र में कोई अन्य जीव नहीं पहुंच पाता है। बाड़े के भीतर ही घायल जीव को उपचार दिया जाता है। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक उपचार केंद्र के कुछ दूरी पर पानी की व्यवस्था भी की गई है। ताकि घायल वन्यजीवों को आसानी से पानी उपलब्ध किया जा सकेगा।

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