नन्ही कली हत्याकांड: महिला अधिवक्ता को धमकी देने का मामला, कई सोशल मीडिया प्लेटफार्म को हाई कोर्ट का नोटिस
नैनीताल उच्च न्यायालय ने नन्ही कली हत्याकांड में अधिवक्ता को सोशल मीडिया पर धमकी मिलने के मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने फेसबुक समेत कई प्लेटफॉर्म को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और एसएसपी एसटीएफ को भी पक्षकार बनाया है। कोर्ट ने आपत्तिजनक पोस्ट हटाने की व्यवस्था पर रिपोर्ट मांगी है। अधिवक्ता को पुलिस सुरक्षा दी जा रही है। कोर्ट ने कहा कि अधिवक्ता कर्तव्य निभा रहे हैं, प्रदर्शन करना है तो जांच अधिकारी के सामने पक्ष रखें।

महिला अधिवक्ता को इंटरनेट मीडिया में धमकी देने का मामला, एसएसपी एसटीएफ को बनाया पक्षकार
जागरण संवाददाता, नैनीताल। हाई कोर्ट ने पिथौरागढ़ की नन्ही कली हत्याकांड में फांसी की सजा प्राप्त अभियुक्त अख्तर अली को सुप्रीम कोर्ट से बरी करने के मामले में अख्तर की महिला अधिवक्ता को इंटरनेट मीडिया में धमकी दिए जाने के मामले पर सुनवाई की।शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए फेसबुक सहित अन्य इंटरनेट प्लेटफार्मों को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा है।
साथ ही एसएसपी एसटीएफ देहरादून को भी भी याचिका में पक्षकार बना दिया है। कोर्ट ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म से पूछा है कि यदि कोई इंटरनेट मीडिया में कोई आपत्तिजनक पोस्ट करता है तो उसको हटाने के लिए कौन से इंतजाम हैं। क्या कोई ऐसी तकनीक है, जो प्लेटफार्म से स्वयं हट जाएं। कोर्ट ने इस पर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट के आदेश के बाद महिला अधिवक्ता नैनीताल पुलिस की ओर से सुरक्षा दी जा चुकी है।
दरअसल हाई कोर्ट के अधिवक्ताओं की ओर से शिकायत के आधार पर मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए एस एस पी नैनीताल को महिला अधिवक्ता व उनके परिवार जनों को सुरक्षा उपलब्ध कराने को कहा था। आईजी साइबर क्राइम को इंटरनेट मीडिया से भड़काऊ पोस्ट को हटाने तथा मना करने वालों पर कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अधिवक्ता सिर्फ अपना कर्तव्य निभा रहे हैं, अगर किसी को प्रदर्शन करना है तो जांच अधिकारी के सामने अपना पक्ष रखे।
नैनीताल जिले के काठगोदाम क्षेत्र में करीब 10 साल पहले नन्ही कली की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में अभियुक्त अख्तर अली को ट्रायल काेर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, हाई कोर्ट ने भी इस सजा के निर्णय पर मुहर लगा दी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अभियुक्त को बरी कर दिया था। जिसके बाद से विभिन्न संगठनों की ओर से प्रदर्शन किए गए। साथ ही इंटरनेट मीडिया में अख्तर की पैरवी करने वाली अधिवक्ता पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के साथ ही धमकी दी गई।

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