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    Rain in Nainital: भारी बारिश 8 साल का रिकॉर्ड तोड़ा, नैनीताल में झील का जलस्तर बढ़ा

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 03:38 PM (IST)

    नैनीताल में लगातार दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने मुसीबतें बढ़ा दी हैं। इस मानसून में बारिश ने पिछले आठ सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मानसून के सिर्फ तीन महीनों में 1683 मिमी बारिश दर्ज की गई है। लगातार बारिश से शहर के नाले उफान पर हैं जिससे झील का जलस्तर भी बढ़ रहा है।

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    भारी बारिश 8 साल का रिकॉर्ड तोड़ा, नैनीताल में झील का जलस्तर बढ़ा

    जागरण संवाददाता, नैनीताल। शहर में दो दिनों से हो रही मूसलाधार वर्षा ने दुश्वारियां बढ़ा दी है। इस मानसून में वर्षा ने बीते आठ सालों के रिकार्ड तोड़ा है। मानसून के महज तीन माह में 1683 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई है। इससे पहले 2017 में यह आंकड़ा 2541 मिमी दर्ज किया गया था।

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    लगातार वर्षा से शहर के नाले उफान पर है। जिससे झील के जलस्तर में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। झील का जलस्तर 88 फीट पहुंचने के बाद निकासी गेट पूरी क्षमता के साथ 18-18 इंच खोल दिये गए है। इसी तरह वर्षा होती रही तो 2021 में झील के ओवरफ्लो होने जैसे हालातो से भी इनकार नहीं किया जा सकता।

    बता दे कि बीते एक दशक में मानसूनी वर्षा का औसत गिरा है। मगर इस मानसून से पहले अप्रैल से ही रुक रुककर वर्षा का क्रम शुरू हो गया था। पूरे मानसून वर्षा होती रही। बीते दो दिनों से हो रही मूसलाधार वर्षा ने बीते आठ सालों का रिकार्ड तोड़ दिया।

    झील नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के मुताबिक एक जून से दो सितंबर तक 1683 मिमी जबकि जनवरी से 1935 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। जो कि बीते आठ सालों में सर्वाधिक है। इससे पूर्व 2017 में मानसून में 2541 जबकि जनवरी से दो सितंबर तक 3046 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई थी।

    पूरी क्षमता के साथ खोले निकासी गेट, कहीं हो न जाये चार साल पुराने हालात

    लगातार हो रही वर्षा से शहर के नाले उफान पर है। प्राकृतिक जल स्रोत रिचार्ज होने से भारी मात्रा में पानी नैनी झील तक पहुंच रहा है। झील का जलस्तर बढ़कर 88 फीट पहुंच गया है। एहतियात के तौर पर सिंचाई विभाग ने झील के निकासी गेटों को पूरी क्षमता 18-18 इंच खोल दिया है।

    हालांकि अभी यह जलस्तर उच्चतम जलस्तर से एक फीट कम है। मगर जिस तेजी से जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है, उससे सिंचाई विभाग की चिंताएं भी बढ़ गयी है। 2021 में अक्टूबर माह में हुई अतिवृष्टि के दौरान झील ओवरफ्लो हो गयी थी। झील का पानी सड़को तक भर गया था। ऐसे में यदि लगातार वर्षा होती रही तो पूर्व की ओवरफ्लो जैसी स्थिति होने से इनकार नहीं किया जा सकता।