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    पूनम से पहले भी तीन हत्याकांडों का रहस्‍य आज तक नहीं सुलझा सकी नैनीताल पुलिस

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Sun, 12 Sep 2021 11:01 AM (IST)

    पूनम हत्याकांड में अंतिम रिपोर्ट लगाना नैनीताल पुलिस के लिए कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी पुलिस के लिए तीन हत्याकांड पहेली बन चुके हैं। मामलों का खुलासा करने में फेल हुई पुलिस तीनों हत्याकांडों में एफआर लगाकर अपना पल्ला झाड़ चुकी है।

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    पूनम से पहले भी तीन हत्याकांडों का रहस्‍य आज तक नहीं सुलझा सकी नैनीताल पुलिस

    दीप चंद्र बेलवाल, हल्द्वानी : पूनम हत्याकांड में अंतिम रिपोर्ट लगाना नैनीताल पुलिस के लिए कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी पुलिस के लिए तीन हत्याकांड पहेली बन चुके हैं। मामलों का खुलासा करने में फेल हुई पुलिस तीनों हत्याकांडों में एफआर लगाकर अपना पल्ला झाड़ चुकी है।

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    नैनीताल, हल्द्वानी और रामनगर में अपराधियों के हौसले इसलिए भी बुलंद हैं कि कई जघन्य अपराधों को यहां की पुलिस खोल ही नहीं सकी। पुलिस अपनी कार्यशैली के लिए कितनी ही पीठ थपथपा ले, लेकिन हकीकत बिल्कुल जुदा है। तीनों शहरों में अपराधियों ने मासूम समेत तीन लोगों की हत्या की। खुलासे के लिए पुलिस कर्मियों के पसीने छूट गए।

    नतीजा, पुलिस को बदमाशों के आगे खुद ही घुटने टेकने पड़ गए। तीनों हत्याकांडों का खुलासा नहीं होने का दर्द परिजनों को सताता है। या यूं कहें कि उनका पुलिस से भी विश्वास उठ चुका है। वहीं एसएसपी प्रीति प्रियदर्शिनी ने बताया कि पूनम हत्याकांड समेत सभी मामलों में एफआर मेरे कार्यभार ग्रहण करने से पहले लग चुकी है। साथ ही एफआर की रिपोर्ट कोर्ट में भेजी जा चुकी है। सभी मामलों में नया पहलू सामने आएगा तो दोबारा एफआर खोली जाएगी।

    ये हैं वो तीन मर्डर मिस्ट्री

    केस-1 17 नवंबर 2009 को रामनगर महिमा हत्याकांड से दहल उठा था। वह अपने मां, पिता व छोटी बहन के साथ पैठपड़ाव में शादी समारोह में गई थी। इस बीच वह पानी के स्टॉल से अचानक लापता हो गई थी। काफी खोज के बाद उसका पता नहीं चल सका था। छह दिन बाद उसका शव भवानीगंज के एक प्लाट में गड्ढे से मिला था। यह मामला विधानसभा में भी गूंजा था। हत्यारों को पकडऩे में फेल हुई पुलिस ने वर्ष 2013 में इस मामले में एफआर लगा दी।

    केस-2

    24 फरवरी 2019 को गौलापार के खेड़ा निवासी बुजुर्ग काश्तकार चंदन सिंह बजवाल का शव घर के बाहर नलकूप की बाउंड्री से मिला था। पुलिस ने जल्द मामले के खुलासे का दावा किया। कुछ संदिग्धों के पॉलीग्राफ टेस्ट भी हुए। लेकिन हत्यारे नहीं पकड़े गए। पुलिस ने 22 फरवरी 2020 को इस मामले में एफआर लगा दी।

    केस-3

    15 मई 2018 को आरटीओ रोड निवासी करोड़पति बुजुर्ग नीरू साह की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। मृतक के शरीर में मिले चोट के निशान से पुलिस ने इसे हत्या माना था। इस मामले का खुलासा करने में भी पुलिस को हार मानना पड़ा। 21 अप्रैल 2019 को पुलिस ने इस मामले में एफआर लगा दी गई।

    डेढ़ साल पहले लगाई पूनम हत्याकांड में एफआर

    बहुचर्चित पूनम हत्याकांड पर पुलिस ने एफआर डेढ़ साल पहले ही लगा दी थी। इस मामले की जरा भी चर्चा नहीं हुई। एफआर एसएसपी प्रीति प्रियदर्शिनी के कार्यभार संभालने से पहले ही लग चुकी थी। 27 अगस्त 2018 की रात हल्द्वानी मंडी चौकी क्षेत्र के गोरापड़ाव में ट्रांसपोर्टर लक्ष्मी दत्त पांडे के घर में उनकी पत्नी पूनम और बेटी पर अज्ञात लोगों ने धारदार हथियार से हमला कर दिया था। घटना में पूनम की मौत हो गई थी। जबकि बेटी गंभीर रूप से घायल हुई थी। मामले का खुलासा करना पुलिस के लिए चुनौती बन गया था। गुपचुप तरीके से पुलिस ने वर्ष 2020 को इस मामले में एफआर लगा दी। वह एफआर एसएसपी प्रीति प्रियर्शनी के कार्यभार ग्रहण करने से पहले ही लग चुकी थी।