Updated: Sun, 28 Sep 2025 08:47 PM (IST)
विवाह के 34 दिन बाद सैनिक पति की मृत्यु के बाद सोनी बिष्ट ने हिम्मत नहीं हारी और पति का सपना पूरा करने के लिए सेना में शामिल होने का फैसला किया। परिवार के समर्थन से सीडीएस परीक्षा पास की और लेफ्टिनेंट बनीं। अब वह असम में देश सेवा कर रही हैं और दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उनका परिवार भी सेना से जुड़ा रहा है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। शादी की मेहंदी हाथों से छूटी नहीं थी। सैनिक पति नीरज की सड़क हादसे में मृत्यु हो गई। ऐसे कठिन समय में परिवार वालों के सहयोग से सोनी बिष्ट ने पति का सपना पूरा करने के लिए देश सेवा करने के लिए कदम उठाया।
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जुनून, परिश्रम और लगन से सेना में लेफ्टिनेंट बनने के लिए एक साल के कठिन प्रशिक्षण के बाद अब सोनी असम में देश सेवा कर रही हैं। साथ ही सोनी अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन गई हैं। कमलुवागांजा पूरनपुर नैनवाल निवासी सोनी की शादी तीन दिसंबर 2023 में खटीमा निवासी 18 कुमाऊं रेजिमेंट में तैनात सैनिक नीरज भंडारी से हुई थी।
शादी के 34 दिन बाद ही नीरज की सड़क हादसे में मृत्यु हो गई। सोनी के सामने दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। अवसाद जैसी स्थिति बन गई। जिसके बाद ससुराल वालों के सहयोग से सोनी ने हिम्मत दिखाई और मंजिल हासिल कर ली। मां मालती देवी ने सोनी को प्रेरित किया।
पति को खोने के छह माह बाद ही सोनी ने सीडीएस (चीफ आफ डिफेंस स्टाफ) की परीक्षा दी। जिसको पास कर सोनी ने इस वर्ष मार्च में ही चेन्नई में आफिसर ट्रेनिंग एकेडमी में पासिंग आउट परेड में शामिल हुईं और भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट पद पर कार्यभार संभाला।
जागरण से बातचीत में सोनी के ताऊ एमबी इंटर कालेज के वरिष्ठ प्रवक्ता हीरा सिंह बिष्ट कहते हैं कि पूरा परिवार ही सेना से जुड़ा हुआ है। इससे पूर्व वह 22 साल तक एनसीसी आफिसर रहे। सोनी के ससुर गोविंद सिंह भंडारी भी सेना से सेवानिवृत्त हैं। पिता रिटायर्ड सूबेदार कुंदन सिंह बिष्ट ने एनएसजी व राष्ट्रीय रायफल जैसे सफल आपरेशन में भाग लिया। दादा हरक सिंह बिष्ट सेना से आनरेरी कैप्टन रिटायर्ड थे।
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