नैनीताल में ध्वनि प्रदूषण पर हाईकोर्ट का सख्त रुख, सख्त कदम उठाने के निर्देश
नैनीताल में ध्वनि प्रदूषण पर हाईकोर्ट सख्त हो गया है। अदालत ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए गृह सचिव और शहरी विकास सचिव को नियमों का पालन सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। गृह सचिव को पुलिस को ध्वनि मापक यंत्र उपलब्ध कराकर रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है। अदालत ने ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
जागरण संवाददाता, नैनीताल। हाई कोर्ट ने बढ़ते ध्वनि प्रदूषण पर अंकुश लगाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सचिव गृह व सचिव शहरी विकास को कोर्ट की ओर से जारी दिशा-निर्देशों व नियमों का पालन करवाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट ने गृह सचिव को निर्देश दिए हैं कि पुलिस को ध्वनि मापक यंत्र कराते हुए रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करें। अब मामले की अगली सुनवाई को पांच सप्ताह बाद की तिथि नियत की है।
अधिवक्ता अतरी अधिकारी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि नैनीताल शहर में शादियों व सीजन के दौरान होटल , होम स्टे, रिजार्ट, थर्टी फर्स्ट को बिना अनुमति लिए उच्च ध्वनि के साउंड स्पीकरों का उपयोग किया जाता है, बिना पुलिस व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति के साउंड स्पीकरों का प्रयाेग होता है।
जब इसकी शिकायत पुलिस से की जाती है तो पुलिस के पास ध्वनि मापने का यंत्र नहीं होती, इसलिए कोई कार्रवाई नहीं होती। ना ही उनका चालान होता है जबकि सरकार ने स्वयं आवासीय क्षेत्रों, अस्पताल, कोर्ट स्कूल व्यवसायिक जोन में ध्वनि निर्धारित की हुई है लेकिन उसके बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
न्यायालय, अस्पताल, स्कूल, साइलेंस जोन में आते है, इसके बाद भी इनकेक आसपास प्रेशर हॉर्न बजाए जाते हैं। घरों में दिल व अन्य बीमारियों के मरीज होते हैं। नैनीताल की माल रोड में शादी के गीत इतनी तेज आवाज व देर रात तक बजते रहे हैं।
इस पर कोई कार्रवाई नहीं होने से सोया हुआ मरीज व नवजात शिशु जाग जाता है। जनहित याचिका में कोर्ट से इस पर रोक लगाने व पूर्व के दिशा-निर्देशों व नियमावली का अनुपालन करवाने की प्रार्थना की है।
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