Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    वकील की शिकायत करने का शुल्क बढ़ाने पर हाईकोर्ट गंभीर, बार काउंसिल ऑफ इंडिया व उत्तराखंड बार काउंसिल को नोटिस

    By Jagran NewsEdited By: Nirmala Bohra
    Updated: Mon, 22 May 2023 01:54 PM (IST)

    मामले की अगली सुनवाई 13 जून को होगी। वहीं हाई कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया व उत्तराखंड बार काउंसिल को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। शिकायत करने पर फीस 5500 रुपये कर दी गई थी।

    Hero Image
    कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया व उत्तराखंड बार काउंसिल कोएक सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

    टीम जागरण, नैनीताल: हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड की ओर से वकील के खिलाफ शिकायत करने पर फीस 450 रुपये से बढ़ाकर सीधे 5,500 रुपये करने को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान उन्‍होंने बार काउंसिल ऑफ इंडिया व उत्तराखंड बार काउंसिल को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड की ओर से कहा गया था कि शुल्क जमा करने के बाद ही वकील के खिलाफ अनुशासनात्मक जांच की शिकायत पर विचार किया जाएगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सोमवार को मेरठ निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक सत्यदेव त्यागी की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील डॉ. कार्तिकेय हरि गुप्ता के अनुसार बार काउंसिल ऑफ इंडिया का नियम है कि वकील के खिलाफ शिकायत करने के लिए अधिकतम 450 रुपये ही लिया जाएगा। बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड ने एक अवैध प्रस्ताव पारित किया है और इस राशि को बढ़ाकर पहले 1700 रुपये और फिर 2022 में 5,500 रुपये कर दिया है।

    अधिक फीस के कारण वास्तविक शिकायतकर्ता भी अधिवक्ता के कदाचार के खिलाफ शिकायत दर्ज करने में सक्षम नहीं हैं। इस तरह की उच्च फीस निषेधात्मक प्रकृति की है और इसे रद किया जाना चाहिए। याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की है कि बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड को एक वकील के खिलाफ केवल 450 रुपये फीस के साथ शिकायत स्वीकार करने का निर्देश दिया जाए।

    वहीं बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड ने कहा कि फालतू की शिकायतों को रोकने के लिए फीस वृद्धि की जा रही है। गुप्ता ने दलील दी है कि इस तरह का फैसला जनहित के खिलाफ है। बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड शिकायत दर्ज होने से पहले ही उसका फैसला नहीं कर सकता। न्यायालय ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया और बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 13 जून को होगी।