UKSSSC: स्नातक स्तरीय परीक्षा को हाई कोर्ट की हरी झंडी, नौ जुलाई को दोबारा होगी लिखित परीक्षा
UKSSSC Exam हाई कोर्ट ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से समूह ग के नौ से अधिक पदों की निरस्त हो चुकी चयन प्रक्रिया को चुनौती देती याचिकाओं को खारिज करते हुए आयोग को नौ जुलाई को दोबारा परीक्षा आयोजित करने के कार्यक्रम पर मुहर लगा दी है। गुरुवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ में चयनित अभ्यर्थियों जगपाल सिंह सहित अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई हुई।

जागरण संवाददाता, नैनीताल: UKSSSC Exam: हाई कोर्ट ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से समूह ग के नौ से अधिक पदों की निरस्त हो चुकी चयन प्रक्रिया को चुनौती देती याचिकाओं को खारिज करते हुए आयोग को नौ जुलाई को दोबारा परीक्षा आयोजित करने के कार्यक्रम पर मुहर लगा दी है।
इस परीक्षा में एक लाख 40 हजार अभ्यर्थी शामिल होंगे। हाई कोर्ट के इस निर्णय से नौ जुलाई को तय परीक्षा पर छाया कुहांसा पूरी तरह छंट गया है और आयोग के साथ ही राज्य सरकार को भी बड़ी राहत मिली है जबकि निरस्त हो चुकी परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्तियों की संभावनाएं पर पानी फिर गया है।
पेपर लीक का मुकदमा दर्ज
गुरुवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ में चयनित अभ्यर्थियों जगपाल सिंह सहित अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया था कि आयोग की ओर से स्नातक स्तरीय में समूह ग समेत अन्य के करीब 916 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की। पांच दिसंबर 2021 को परीक्षा हुई और सात अप्रैल को परीक्षाफल घोषित हुआ। अभ्यर्थियों के चयन के बाद उनके प्रमाण पत्रों का भी सत्यापन कर दिया गया।
इस मामले में पेपर लीक का मुकदमा दर्ज हुआ। बाद में सरकार की ओर से 31 दिसंबर 2022 को पूरी चयन प्रकिया को निरस्त कर नए सिरे से भर्ती परीक्षा शुरू करने का निर्णय लिया गया, याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उन्होंने मेहनत कर परीक्षा उत्तीर्ण की, लेकिन सरकार ने बिना वजह ज्वाइनिंग नहीं दी। सुनवाई के दौरान आयोग की ओर से पेश अधिवक्ता सीके शर्मा ने कोर्ट को बताया कि एसआइटी की जांच में यह पता लगाना संभव नहीं है कि चयन में सफल कितने अभ्यर्थियों ने नकल की है, कितनों ने नहीं।
पेपर लीक मामले में 50 से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी हैं जबकि नौ आरोप पत्र दाखिल हो चुके हैं और फिलहाल आगे की जांच जारी है। परीक्षा की शुचिता और पारदर्शिता बनाए रखने व योग्य अभ्यर्थियों के चयन के लिए फिर से परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद याचिकाओं को खारिज कर दिया।
इन पदों के लिए होनी है नौ को परीक्षा
आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया के अनुसार नौ जुलाई को तय स्नातकस्तरीय पदों जैसे सहायक समाज कल्याण अधिकारी, सहायक महाप्रबंधक उद्योग, सहायक चकबंदी अधिकारी, ग्राम्य विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सहित अन्य पद शामिल हैं। आयोग अध्यक्ष के अनुसार परीक्षा आयोजित करने के लिए आयोग की टीमें रवाना हो चुकी हैं। बायोमेट्रिक, सीसीटीवी व जैमर की व्यवस्था हो चुकी है। परीक्षा को निर्विघ्न व शांतिपूर्ण आयोजित कराने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
अब रुड़की के कालेज की संबद्धता समाप्त करने के आदेश पर रोक
वहीं नैनीताल हाई कोर्ट ने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से बीएसएम रुड़की कालेज की संबद्धता समाप्त किए जाने को लेकर दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने कालेज की संबद्धता समाप्त करने के केंद्रीय विवि के आदेश पर रोक लगाते हुए केंद्रीय विश्वविद्यालय, राज्य सरकार व केंद्र सरकार से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा।
कोर्ट ने केवल बीएसएम कालेज की संबद्धता समाप्त करने के आदेश पर ही रोक लगाई है। पूर्व में कोर्ट डीएवी कालेज देहरादून की समबद्धता समाप्त करने के आदेश पर भी रोक लगा चुकी है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।