Uttarakhand: जिला पंचायत अध्यक्ष पद के आरक्षण पर हाई कोर्ट में चुनौती, सरकार से जवाब तलब
नैनीताल हाई कोर्ट में राज्य के 12 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के आरक्षण को चुनौती दी गई है। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार और निर्वाचन आयोग को याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। देहरादून जिले के अभिषेक सिंह ने आरक्षण नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। मामले की अगली सुनवाई 11 अगस्त को होगी सरकार और आयोग को अपना पक्ष रखना है।

जासं, नैनीताल। राज्य के 12 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष पद राज्य सरकार की ओर से आरक्षण नियमावली का अनुपालन करते हुए आरक्षण तय करने का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है।
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने तय आरक्षण को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार व राज्य निर्वाचन आयोग को अगली सुनवाई से पहले याचिका में लगाए गए आरोपों पर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट ने अगली सुनवाई को 11 अगस्त की तिथि नियत की है। शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ में देहरादून जिले के जिला पंचायत सदस्य व पूर्व मंत्री विधायक प्रीतम सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह की याचिका पर सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता संजय भट्ट ने आयोग का पक्ष रखते हुए कहा कि राज्य के 12 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष के पद का आरक्षण तय हो चुका है। अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है।
अध्यक्ष-उपाध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी का नामांकन 11 अगस्त को होना है जबकि मतदान व परिणाम की घोषणा 14 अगस्त को होनी है। जिस पर कोर्ट ने मामले की सुनवाई को 11 अगस्त की तिथि नियत करते सरकार व निर्वाचन आयोग को जवाब पेश करने को कहा है।
हरादून जिले के जिला पंचायत अध्यक्ष के संभावित प्रत्याशी अभिषेक सिंह ने याचिका दायर कर कहा है कि देहरादून जिले में अध्यक्ष पद पर आरक्षण नियमों को ताक पर रखकर दिया गया। तय आरक्षण नियमों के विरुद्ध है, लिहाजा इस पर रोक लगाई जाए।
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