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    नैनीताल हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, स्थापना दिवस समारोह रद्द; आपदा पीड़ितों के लिए डेढ़ करोड़ राहत कोष में दान

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 03:28 PM (IST)

    नैनीताल हाई कोर्ट ने राज्य स्थापना दिवस सादगी से मनाने और शासन द्वारा आवंटित डेढ़ करोड़ की धनराशि आपदा प्रभावितों की मदद के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का निर्णय लिया है। चीफ जस्टिस के आदेश पर रजिस्ट्रार जनरल ने नोटिफिकेशन जारी किया है। हाईकोर्ट की स्थापना की रजत जयंती समारोह का प्रस्ताव भी वापस ले लिया गया है।

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    न्यायाधीश और न्यायिक अधिकारी भी एक दिन का वेतन राहत कोष में देंगे। File Photo

    जासं, नैनीताल। राज्य में व्यापक प्राकृतिक आपदाओं में तमाम परिवारों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है। इसको देखते हुए हाईकोर्ट ने राज्य स्थापना दिवस सादगी से मनाने का निर्णय लिया है।

    साथ ही आयोजन के लिए शासन की ओर से आवंटित डेढ़ करोड़ की धनराशि वापस करते हुए इसे आपदा प्रभावितों की मदद के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का निर्णय लिया है।

    गुरुवार को चीफ जस्टिस के आदेश पर रजिस्ट्रार जनरल योगेश कुमार गुप्ता की ओर से इसका नोटिफिकेशन जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि राज्य में प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर हाई कोर्ट की स्थापना की रजत जयंती समारोह के आयोजन के प्रस्ताव को वापस ले लिया है।

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    समारोह हेतु लिए 1.50 करोड़ के बजट प्रस्ताव को भी वापस लेने का निर्णय लिया गया है। राज्य सरकार से यह भी अनुरोध किया गया है कि वह इस राशि को मुख्यमंत्री राहत कोष में आवंटित करे। यह योगदान प्रभावित परिवारों की राहत और पुनर्वास के लिए है, जो प्राकृतिक आपदाओं के कारण अत्यधिक कठिनाई का सामना कर रहे हैं। साथ ही न्यायाधीश गण, रजिस्ट्रार सहित न्यायिक अधिकारी एक दिन के मूल वेतन का मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे।

    हाईकोर्ट ने राज्य के न्यायिक अधिकारियों तथा उच्च न्यायालय और जिला न्यायालयों के अधीनस्थ कर्मचारीगणों से भी चल रहे राहत प्रयासों में सहायता के लिए इसी प्रकार का स्वैच्छिक योगदान देने पर विचार करने का आह्वान भी किया है।

    इन संकल्पों से न्यायपालिका की प्रतिबद्धता प्रतिबिंबित होती है कि वह इस आवश्यकता की घड़ी में उत्तराखंड के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ी है और उनकी राहत और पुनर्वास के लिए समर्थन प्रदान करने के लिए तत्पर है।