संस्कृत महाविद्यालयों में रविवार अवकाश नहीं होने पर हाई कोर्ट नैनीताल ने सरकार से मांगा जवाब
Sanskrit colleges Sunday holiday चमोली निवासी पर्वतीय शिल्पकार सभा के अध्यक्ष गिरीश लाल आर्या की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया है कि प्रदेश के संस्कृत विद्यालयों व महाविद्यालयों में रविवार को छुट्टी नहीं दी जाती है।
नैनीताल, जागरण संवाददाता : Sanskrit colleges Sunday holiday : हाई कोर्ट नैनीताल ने उत्तराखंड के संस्कृत महाविद्यालयों में रविवार को अवकाश नहीं किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार, निदेशक संस्कृत शिक्षा देहरादून, मुख्य शिक्षा अधिकारी चमोली, बद्रीश कीर्ति संस्कृत महाविद्यालय डिमरी सिमली कर्णप्रयाग व बद्रीश कीर्ति इंटर कॉलेज डिमरी सिमली कर्णप्रयाग से 18 अप्रैल 2023 तक जवाब पेश करने को कहा है।
मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में गोपेश्वर चमोली निवासी पर्वतीय शिल्पकार सभा के अध्यक्ष गिरीश लाल आर्या की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया है कि प्रदेश के संस्कृत विद्यालयों व महाविद्यालयों में रविवार को छुट्टी नहीं दी जाती है। इन विद्यालयों व महाविद्यालयों में पंचांग को देखकर त्रिपता या अष्ठमी को अवकाश किया जाता है।
वर्तमान प्रदेश में संस्कृत के 12 विद्यालय व महाविद्यालय हैं, जिनमें से तीन विद्यालयों में रविवार को अवकाश रहता है बाकी में त्रिपता या अष्टमी को अवकाश होता है, याचिका में कहा गया है कि जब सभी का रविवार को अवकाश रहता है तो इन विद्यालयों व महाविद्यालयों में क्यों नहीं।
प्रतियोगी परीक्षाओं में नहीं बैठ पाते छात्र
रविवार को अवकाश नहीं होने के कारण इन विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिभाग नहीं कर पाते, क्योंकि अधिकांश प्रतियोगी परीक्षाएं रविवार को ही होती है। अष्टमी सप्ताह में किसी भी दिन आ सकती है या दो सप्ताह में कभी भी, यह पंचाग पर निर्भर करता है। इसलिए प्रदेश के सभी संस्कृत विद्यालयों व महाविद्यालयों में रविवार को ही अवकाश घोषित किया जाए। यह संविधान के अनुछेद 14 का भी उल्लंघन है ।