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    Uttarakhand Panchayat Chunav: चुनाव में प्रोफेसरों की ड्यूटी पर हाई कोर्ट का फैसला, मिली राहत

    Updated: Wed, 23 Jul 2025 01:07 PM (IST)

    नैनीताल हाई कोर्ट ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में डिग्री कॉलेजों के प्राध्यापकों को पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई की। न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने पूर्व के आदेश के आधार पर याचिका निस्तारित कर दी। कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से प्राध्यापकों की गरिमा का ध्यान रखने को कहा था क्योंकि वे प्रथम श्रेणी के कर्मचारी हैं।

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    चुनाव में प्रोफेसरों की ड्यूटी पर हाई कोर्ट का फैसला. File

    जासं, नैनीताल। हाई कोर्ट ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से डिग्री कालेजों के प्राध्यापकों की पीठासीन अधिकारी के रूप में ड्यूटी लगाने के विरुद्ध दायर याचिका पर सुनवाई की।

    मंगलवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने याचिका को हाई कोर्ट के पूर्व के आदेश के आधार पर निस्तारित कर दिया है।

    पूर्व में कोर्ट ने राज्य निर्वाचन अधिकारी की ओर से डिग्री कालेज के प्राध्यापकों की चुनाव में पीठासीन अधिकारी के रूप में नियुक्ति करते समय गरिमा का ख्याल रखने की अपेक्षा की थी। कहा था कि यह प्रथम श्रेणी के कर्मचारी हैं, ऐसे में यह ना हो कि द्वितीय श्रेणी के अधीन इनको काम दे दिया जाए।

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    डिग्री कालेजों के प्राध्यापक डा. धीरज कुमार चंदोला सहित सात ने याचिका दायर कर कहा है कि वह प्रथम श्रेणी के कर्मचारी है इसलिए उनकी ड्यूटी चुनाव में नहीं लगाई जा सकती। चुनाव में पीठासीन अधिकारी द्वितीय श्रेणी का कर्मचारी होता है लेकिन कालेज के प्राध्यापकों की श्रेणी क्लास वन की होती है।

    उनका रैंक पीठासीन अधिकारी से उच्च का है। इसलिए उन्हें चुनाव ड्यूटी पर नहीं लगाया जाय। चुनाव ड्यूटी में द्वितीय श्रेणी के कर्मचारी बूथ के पीठासीन अधिकारी के तौर पर कार्य करते हैं। जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पूर्व के आदेश के क्रम में उनकी याचिका को निस्तारित कर दिया है।