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    OMG: पिछले वर्ष गर्मियों के चार महीनों से ज्यादा इस अप्रैल में खराब Nainital की हवा, पर्यटकों के पसंदीदा शहर में प्रदूषण के आंकड़े चौंकाने वाले

    Updated: Sat, 04 May 2024 10:07 AM (IST)

    Nainital Air Quality Index आग की लपटें जंगलों को बड़ा नुकसान पहुंचा रही हैं। वन संपदा राख हो रही है तो धुआं पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा है। वहीं परीक्षण के बाद पता चला कि पिछले साल गर्मियों के चार महीने यानी अप्रैल से जुलाई के बीच भी प्रदूषण की ऐसी स्थिति नहीं थी जितनी इस बार अप्रैल में है।

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    Nainital Air Quality Index: जंगल जल रहे, धुएं से नैनीताल की हवा प्रदूषित

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: Nainital Air Quality Index: आग की लपटें जंगलों को बड़ा नुकसान पहुंचा रही हैं। वन संपदा राख हो रही है तो धुआं पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा है। देश-विदेश के पर्यटकों के पसंदीदा शहर नैनीताल और उसके रास्तों की हवा भी इस धुएं ने खराब कर दी है।

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    प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 27 अप्रैल को तीन जगह (नैना गांव, हनुमानगढ़ी और नैनीताल शहर) से वायु प्रदूषण जांचने के लिए सैंपल लिए थे। परीक्षण के बाद पता चला कि पिछले साल गर्मियों के चार महीने यानी अप्रैल से जुलाई के बीच भी प्रदूषण की ऐसी स्थिति नहीं थी, जितनी इस बार अप्रैल में है।

    नैना गांव के आसपास प्रदूषण की मात्रा 106.5 माइक्रोग्राम घनमीटर (पीएम-10) थी। हनुमानगढ़ी क्षेत्र में 88.6 और नैनीताल शहर में 98.5 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर है। जो कि पहले के मुकाबले कहीं अधिक है।

    लगातार बढ़ रहा जंगलों में आग का दायरा

    उत्तराखंड के जंगलों में आग का दायरा लगातार बढ़ रहा है। अपर प्रमुख वन संरक्षक वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार एक नवंबर 2023 से दो मई तक राज्य के 1011 हेक्टेयर जंगलों में आग पहुंच चुकी है।

    गढ़वाल में जहां 314 घटनाओं में 362 हेक्टेयर जंगल झुलसे तो कुमाऊं में स्थिति और खराब रही। यहां 427 आग की घटनाओं में 574 हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आया। वन्यजीव आरक्षित क्षेत्र की बात करें तो अब तक दर्ज 63 मामलों में 74 हेक्टेयर क्षेत्र में नुकसान हुआ है।

    नैनीताल के आसपास के इलाकों में भी आग की घटनाएं सामने आने पर 27 अप्रैल को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नैनीताल से कुछ पहले नैना गांव, हनुमानगढ़ी और नैनीताल शहर में हवा के नमूने लेकर परीक्षण को हल्द्वानी लैब में भेजे। जिसके बाद पता चला कि नैना गांव के आसपास प्रदूषण की मात्रा 106.5 माइक्रोग्राम घनमीटर (पीएम-10) थी।

    हनुमानगढ़ी क्षेत्र में 88.6 और नैनीताल शहर में 98.5 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर है। जबकि 12 मार्च को जब नैनीताल नगर पालिका में लगी मशीन से प्रदूषण जांचा गया था। तब प्रदूषण की मात्रा 82.6 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर ही थी। वहीं, अप्रैल वाली स्थिति पिछले साल गर्मी सीजन के चार महीने (अप्रैल से जुलाई) में भी देखने को नहीं मिली थी।

    • 2023 की गर्मियों में नैनीताल में ऐसी स्थिति नहीं थी
    • अप्रैल-53.95 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर
    • मई-64.08 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर
    • जून-65.08 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर
    • जुलाई- 59.37 माइक्रो ग्राम प्रति घनमीटर
    • 100 माइक्रोग्राम से अधिक यानी संवेदनशील

    प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार 100 माइक्रोग्राम से अधिक वायु प्रदूषण होने पर इसे संवेदनशील श्रेणी माना जाता है। नैना गांव में 27 अप्रैल को 106.5 माइक्रोग्राम घनमीटर प्रदूषण दर्ज हो चुका है।

    अप्रैल अंत में नैनीताल शहर समेत तीन जगहों पर हवा के नमूने लिए गए थे। परीक्षण के बाद यह आंकड़ा सामने आया है। प्रदूषण बढ़ने की मुख्य वजह जंगलों की आग है।

    डीके जोशी, क्षेत्रीय प्रबंधक पीसीबी