इस अधिकारी की कार्यशैली के कायल हैं लोग, हर फरियादी पहुंचता है उम्मीद के साथ
एडीएम हरबीर सिंह। नैनीताल में यह नाम किसी पहचान को मोहताज नहीं है। नायब तहसीलदार की नौकरी से कॅरियर शुरू करने वाले यह शख्स वर्तमान में एडीएम की जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं।
हल्द्वानी, जेएनएन : एडीएम हरबीर सिंह। नैनीताल जिले में यह नाम किसी पहचान को मोहताज नहीं है। नायब तहसीलदार की नौकरी से कॅरियर शुरू करने वाले यह शख्स वर्तमान में एडीएम की जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। सुशासन के साथ समाजसेवा कर गरीबों की मदद करना इन्हें औरों से अलग बनाता है। समय कोई भी हो, हरबीर सिंह लोगों की सेवा को तैयार रहते हैं। फरियादी चाहे किसी भी वर्ग को हो। उनके दर पर समस्या के साथ हर हाल में समाधान की उम्मीद लेकर ही पहुंचता है।
ऊधमसिंह नगर जिले के किच्छा स्थित रामेश्वरपुरम निवासी हरबीर सिंह के परिवार का मुख्य पेशा खेती है। पिता स्व. सरदार सिंह अपने समय में ब्लॉक प्रमुख भी रहे। पढ़ाई खत्म कर हरबीर 1984 से 1997 तक नैनीताल बैंक में भी सेवा दे चुके हैं। उनका बड़ा बेटा पवनीत सिंह लंदन बिजनेस स्कूल में है तो छोटा जपजीत सिंह पुणे से वकालत कर रहा है। वहीं रामलीला में उनके द्वारा निभाया गया दशरथ का किरदार आज भी शहर के लोगों को याद है।
ये रहा नौकरी का सफर
प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलने के बाद उन्हें 1997 में बतौर नायब तहसीलदार मुजफ्फरनगर में पहली तैनाती मिली, जिसके बाद लालकुआं में इसी पद पर कमान संभालने के दौरान प्रमोशन पाकर हल्द्वानी में तहसीलदार नियुक्त हुए। साल 2007 में दोबारा प्रमोशन पाकर बागेश्वर में एसडीएम नियुक्त हुए। इसके अलावा सिटी मजिस्टे्रट, हल्द्वानी निगम आयुक्त, एसडीएम हल्द्वानी, बागेश्वर में एडीएम की कमान संभालने के बाद वह वर्तमान में नैनीताल जनपद में एडीएम के साथ सचिव जिला विकास प्राधिकरण का दायित्व निभा रहे हैं।
सीएम ने कुंभ ड्यूटी के लिए सम्मानित किया
साल 2010 में हरिद्वार कुंभ मेले में हरबीर सिंह को डिप्टी मेला इंचार्ज की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उन्होंने इस अहम जिम्मेदारी का बखूबी निभाया। इसके बाद तत्कालीन सीएम डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने उन्हें ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया।
खुद फावड़ा-बेलचा पकड़ उठाया कूड़ा
हरबीर सिंह की एक खासियत यह है कि वह अन्य की तरह सिर्फ आदेश तक सीमित नहीं रहते। नाले की सफाई के दौरान खुद फावड़ा-बेलचा लेकर गंदगी के बीच उतरना हो या छात्रसंघ चुनाव के दौरान उपद्रवियों के पीछे डंडा लेकर दौडऩा। उनकी पहचान एक जमीनी अधिकारी के तौर पर है।
पथराव व बवाल के बीच सबसे आगे
साल 2007 में हरबीर सिंह हल्द्वानी में तहसीलदार के पद पर तैनात थे। उस दौरान हल्द्वानी रेलवे स्टेशन पर अतिक्रमण हटाने के दौरान पथराव के साथ बड़ा बवाल हो गया था। उपद्रवियों के खिलाफ मोर्चा संभालते हुए हरबीर सबसे आगे नजर आए।
समाजसेवियों को भी इनसे आस
शहर में कई लोग ऐसे है, जो दूसरों की मदद को तैयार रहते हैं। ऐसे लोगों को भी हरबीर सिंह से खास उम्मीद रहती है। इलाज में मदद करना, एंबुलेंस की व्यवस्था करने जैसे काम वह कई बार कर चुके हैं।
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