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    नैनीताल झील की खोखली दीवारों पर मरहम की तैयारी, IIT Roorkee के विज्ञानियों की ली जाएगी मदद

    Updated: Sun, 05 Oct 2025 05:38 PM (IST)

    नैनीताल झील की ब्रिटिशकालीन दीवारों के पुनर्निर्माण की तैयारी शुरू हो गई है। पहले चरण में लगभग एक हजार मीटर दीवारों का निर्माण होगा। सिंचाई विभाग आइआइटी रुड़की के विशेषज्ञों से सलाह लेगा कि दीवारें आरसीसी से बनेंगी या पत्थर से। लोअर माल रोड में धंसाव के कारण दीवारों को कमजोर माना जा रहा है। चूहों द्वारा दीवारों को काटना भी एक कारण है।

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    करीब एक हजार मीटर ब्रिटिशकालीन दीवार का होगा पुनर्निर्माण. Jagran

    जागरण संवाददाता, नैनीताल। नैनी झील की खोखली हो चुकी ब्रिटिशकालीन सुरक्षा दीवारों के नए सिरे से निर्माण की सरकारी कवायद शुरू हो चुकी है। पहले चरण में झील किनारों की करीब एक हजार मीटर दीवारों का निर्माण होना है। सिंचाई विभाग की ओर से दीवार निर्माण से पहले आइआइटी रुड़की के विज्ञानियों की मदद ली जाएगी।

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    विशेषज्ञों की रिपोर्ट के बाद यह तय होगा कि इन दीवारों का निर्माण आरसीसी से होगा या पत्थर से। कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत की ओर से इन दीवारों के नवनिर्माण का प्रोजेक्ट तैयार कर जल्द शासन को भेजने के निर्देश मुख्य अभियंता सिंचाई को दिए गए हैं।

    दरअसल, पिछले दिनों लोअर माल रोड के बड़े हिस्से में धंसाव हो गया था। इस धंसाव का दायरा लगातार बढ़ रहा है। लोअर माल रोड पर लोक निर्माण विभाग की ओर से करीब 190 मीटर हिस्से में उपचार कार्य होना है जबकि लाइब्रेरी से लेकर दर्शनघर पार्क तल्लीताल तथा सेंट जोजफ कालेज बोट स्टैंड से लेकर तल्लीताल डांठ तक की दीवारें भी पूरी तरह खोखली हो चुकी हैं। इसकी वजह मानवीय हस्तक्षेप, चूहों के कतरन व सुंदरीकरण कार्य माने गए।

    बताया जाता है कि पानी के दबाव के साथ ही चूहों के कतरने से दीवारों के पत्थर मूल स्थान से हट चुके हैं या हटने की स्थिति में हैं। इन पत्थरों के खिसकाव से ही 1.45 किलोमीटर की लोअर माल रोड से सटी झील की सुरक्षा दीवारें कमजोर व खोखली हो चुकी हैं। कमजोर व खोखली दीवारों से सटी माल रोड पर लगातार वाहनों के दबाव को ही धंसाव की मुख्य वजह माना जा रहा है।

    ब्रिटिशकाल से नहीं हुआ दीवारों का पुनर्निर्माण

    नैनीताल झील की सतह का क्षेत्रफल करीब 120 एकड़ है। लोअर माल रोड से लेकर सेंट जोजफ बोट स्टैंड तक करीब एक किलोमीटर के दायरे में झील की दीवारों का निर्माण ब्रिटिशकाल में किया गया था जबकि ठंडी सड़क क्षेत्र में हाल ही में जिला विकास प्राधिकरण ने तो मल्लीताल बोट स्टैंड के आसपास की भरभराकर गिर चुकी सुरक्षा दीवार का पुनर्निर्माण सिंचाई विभाग कर चुका है। मल्लीताल बोट स्टैंड से लेकर बैंड स्टैंड तक की दीवार धराशायी होने की वजह चूहों का मिट्टी का कतरना माना गया।

    सिंचाई विभाग के अभियंता नीरज तिवारी के अनुसार माल रोड सहित सेंट जोजफ बोट स्टैंड तक करीब एक हजार मीटर क्षेत्र में सुरक्षा दीवार का निर्माण होना है। इसका प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। जिसे मुख्य अभियंता को भेजा जाएगा। आइआइटी रुड़की के विशेषज्ञों से प्रस्ताव पर चर्चा होनी है। बलियानाला ट्रीटमेंट कार्य देखने पहुंचे आइआइटी रुड़की के विज्ञानियों ने शुरुआती सर्वे किया है। विस्तृत सर्वे के बाद रिपोर्ट के आधार पर ही प्रोजेक्ट को अंतिम रूप दिया जाना है।

    प्रारंभिक जांच में पाया गया कि कमजोर सुरक्षा दीवार की वजह से ही लोअर माल रोड में धंसाव हुआ। ऐसे में पूरी लोअर माल रोड से सटी तथा सेंट जोजफ बोट स्टैंड तक की सुरक्षा दीवार के उपचार का प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता को दिए गए हैं। प्रोजेक्ट के लिए शासन से बजट मांगा जाएगा। यह प्रोजेक्ट प्राथमिकता में शामिल किया गया है। -  दीपक रावत, सचिव सीएम व कुमाऊं कमिश्नर