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    अब भी छह गुना महंगा बिक रहा मास्क, अपने ही देश में उत्पादन होने के बावजूद नहीं घटे दाम

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Fri, 12 Jun 2020 09:49 AM (IST)

    कोरोना से पहले मास्क की बिक्री नाममात्र थी। दवा दुकानों में यह मास्क विदेश से आया करते थे लेकिन अब इसका उत्पादन अपने ही देश में होने लगा है।

    अब भी छह गुना महंगा बिक रहा मास्क, अपने ही देश में उत्पादन होने के बावजूद नहीं घटे दाम

    हल्द्वानी, जेएनएन : कोरोना से पहले मास्क की बिक्री नाममात्र थी। दवा दुकानों में यह मास्क विदेश से आया करते थे, लेकिन अब इसका उत्पादन अपने ही देश में होने लगा है। इसके बावजूद एन-95 मास्क छह गुना महंगा बिक रहा है। वहीं थ्रीप्लाई मास्क की कीमत भी दोगुनी हो चुकी है। महंगे दाम से आम ग्राहक से लेकर अस्पताल प्रबंधन परेशान हैं।

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    हल्द्वानी शहर में जहां पिछले वर्ष मास्क की बिक्री अस्पतालों तक सीमित थी। मार्च से कोरोना संक्रमण के चलते अचानक मास्क की बिक्री शुरू हुई। जैसे ही मास्क पहनना अनिवार्य हुआ। मेडिकल स्टोरों में कालाबाजारी शुरू हो गई। प्रशासन ने छापेमारी कर कई दुकान संचालकों के खिलाफ कार्रवाई भी की, लेकिन धीरे-धीरे आपूर्ति बढ़ गई, लेकिन दाम कई गुना महंगे हो गए। केमिस्ट एसोसिएशन के सचिव संदीप जोशी कहते हैं, जिले में मास्क नहीं बनते हैं, लेकिन दूसरे जिले व राज्यों से बनकर आ रहे हैं, लेकिन रेट कम नहीं हुए।

    बाजार में इस दाम से बिक रहे मास्क

    वर्ष 2019 में एन-95 मास्क की कीमत 20 से 25 रुपये थी। जबकि यह मास्क चीन समेत अन्य देशों से आता था, लेकिन इस समय कई देशी कंपनियां भी इसे बनाने लगी हैं, लेकिन इसके दाम 120 से 130 तक हो चुके हैं। वहीं थ्रीप्लाइ मास्क की कीमत पिछले वर्ष एक-दो रुपये थी। कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने के शुरुआती दौर में यही मास्क 15 रुपये से अधिक कीमत में बिकने लगा था, लेकिन इस समय पांच-छह रुपये कीमत हो गई। फिर भी पिछले वर्ष से दोगुनी कीमत भी बिक रहा है। इस पर किसी का नियंत्रण नहीं है।

    घरों में बने मास्क का बढ़ा प्रचलन

    सार्वजनिक स्थानों में जाने के लिए मास्क का प्रयोग अनिवार्य होने के बाद लोगों ने घरों में बने मास्क का प्रयोग शुरू कर दिया। बड़ी संख्या में लोगों ने मास्क बनाने और बांटना शुरू कर दिया है। डा. नीलांबर भट्ट, वरिष्ठ फिजीशियन का कहना है कि मास्क पहनना अनिवार्य है, लेकिन इसे हर जगह पहना जाए, ऐसा जरूरी नहीं है। केवल सार्वजनिक जगहों पर ही मास्क पहनें। मास्क धुला हो और उसकी क्वालिटी ठीक होनी चाहिए। घर के अंदर मास्क पहनना जरूरी नहीं है। डॉ. गौरव सिंघल, वरिष्ठ छाती व श्वांस रोग विशेषज्ञ ने बताया कि डॉक्टर के अलावा अन्य लोग थ्रीप्लाई मास्क पहन सकते हैं। घर के अंदर, गाड़ी के अंदर या फिर एकांत जगह पर मास्क पहनने की जरूरत नहीं है। सार्वजनिक स्थलों पर मास्क को नियम के अनुसार ही पहना जाए। तभी बचाव संभव है।

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