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स्वाद व सेहत से भरपूर है पहाड़ की ये सब्जी, गांवों में मुफ्त बाजार में बिक रही 80 रुपये किलो

बरसात से पहले गधेरों-जंगलों में उग आने वाला लिंगुड़ बाजार में नजर आने लगा है। फर्न प्रजाति में आने वाले लिंगुड़ के मशरूम की तरह ही जहरीले होने का खतरा रहता है। हालांकि स्थानीय महिलाएं इसे खूब पहचानती हैं। लिंगुड़ की सब्जी कटहल की तरह स्वादिष्ट होती है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 08:42 AM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 08:42 AM (IST)
स्वाद व सेहत से भरपूर है पहाड़ की ये सब्जी, गांवों में मुफ्त बाजार में बिक रही 80 रुपये किलो
स्वाद व सेहत से भरपूर है पहाड़ की ये सब्जी, गांवों में मुफ्त बाजार में बिक रही 80 रुपये किलो

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : बरसात से पहले गधेरों-जंगलों में उग आने वाला लिंगुड़ बाजार में नजर आने लगा है। फर्न प्रजाति में आने वाले लिंगुड़ के मशरूम की तरह ही जहरीले होने का खतरा रहता है। हालांकि स्थानीय महिलाएं इसे खूब पहचानती हैं। लिंगुड़ की सब्जी कटहल की तरह स्वादिष्ट होती है। इसे बनाना बहुत आसान होता है। इसे बिलकुल उसी तरह छौंका जाता है जैसे हरी बीन्स।लिंगुड़ स्वाद के साथ पौष्टिक तत्वों की भरमार है।

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अलग-अलग नामों से पहचान

लिंगुड़ा, लिंगुड़ या ल्यूड़ का वानस्पतिक नाम डिप्लाजियम ऐस्कुलेंटम (Diplazium esculentum) है। यह एथाइरिएसी (Athyriaceae) कुल का खाने योग्य फर्न है। यह समूचे एशिया, ओसियानिया के पर्वतीय इलाकों में नमी वाली जगहों पर पाया जाता है। असम में धेंकिर शाक, सिक्किम में निंगरु, हिमाचल में लिंगरी, बंगाली में पलोई साग और उत्तर भारत में लिंगुड़ा कहा जाता है।

विटामिन, आयरन से है भरपूर

गाड़-गधेरों के पास नमी वाली जगहों में प्राकृतिक रूप से उगता है। हमारे यहां सब्जी के लिए उपयोग होने वाले लिंगुड़ का विदेशों में सलाद व अचार भी बनाया जाता है। जापान और मलेशिया में इसे तलकर पोल्ट्री उत्पादों के साथ मिलाकर व्यंजन तैयार किये जाते हैं, ऐसा करने से इन उत्पादों में मौजूद सूक्ष्म जीवाणुओं द्वारा होने वाली बीमारियों का अंदेशा कम हो जाता है। लिंगुड़ा विटामिन, आयरन और कैल्शियम अच्छा स्रोत है।

80 रुपये किलो तक बिक रहा

लिंगुड़ा जंगल से बाहर निकलकर कस्बों-शहरों में अपनी जगह बना चुका है। पहाड़ से हल्द्वानी मंडी में भी लिंगुड़ पहुंचता है। हल्द्वानी बाजार में इसकी कीमत 70 से 80 रुपये किलो तक है।

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