Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Uttarakhand : बिहार के अंतरराष्ट्रीय घोड़ासहन गैंग का सदस्य गिरफ्तार

    By Prashant MishraEdited By:
    Updated: Sun, 08 May 2022 06:32 AM (IST)

    पुलिस ने रामपुर रोड के एक टी स्टाल से घोड़ासहन गैंग के एक सदस्य को गिरफ्तार किया। पुलिस पूछताछ में उसने अपना नाम ग्राम देमा पोस्ट मननपुर देवा थाना परसौनी सीतामढ़ी बिहार निवासी मो. जमीर बताया। आरोपित ने स्वीकार किया कि वह चोरी की योजना बना रहा था।

    Hero Image
    अपराधी मोबाइल व सर्राफा की दुकान में चोरी की योजना बना रहा था।

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : पुलिस ने बिहार के अंतरराष्ट्रीय घोड़ासहन गैंग के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है। अपराधी मोबाइल व सर्राफा की दुकान में चोरी की योजना बना रहा था। रेकी करते समय वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया।  

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि हल्द्वानी में घोड़ासहन गैंग के रेकी करने का इनपुट मिला था। इस पर पुलिस अलर्ट थी। एसएसपी के मुताबिक, कुछ साल पहले ठंडी सड़क पर स्थित एक मोबाइल शोरूम में हुई चोरी में घोड़ासहन गैंग का हाथ सामने आया था, जिसके दो सदस्य चेलुवा व बेलुवा वांछित हैं। इनपर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित हो चुका है।

    सात मई को पुलिस ने रामपुर रोड के एक टी स्टाल से इसी गैंग के एक सदस्य को गिरफ्तार किया। पुलिस पूछताछ में उसने अपना नाम ग्राम देमा, पोस्ट मननपुर देवा, थाना परसौनी, सीतामढ़ी, बिहार निवासी मो. जमीर बताया। आरोपित ने स्वीकार किया कि वह चोरी की योजना बना रहा था। अपने दोस्तों के साथ वह कुछ दुकानों की रेकी भी कर चुका था।   

    ईद पर हल्द्वानी में ली शरण 

    आरोपित मो. जमीर ने पुलिस को बताया कि वह शटर कटवा घोड़ासहन गैंग का सदस्य है। उसका दोस्त सिराज कुछ साल पहले चेलुवा, बेलुवा के साथ हल्द्वानी में चोरी में शामिल रहा था। सिराज ने ही बताया था कि हल्द्वानी में अच्छे मोबाइल शोरूम हैं। इस पर वह अपने दोस्त ङ्क्षपटू, सुरेंद्र दास व सिराज के साथ ईद पर हल्द्वानी आ गया। कुछ दिन बाद तीनों दोस्त लौट गए। मगर जमीर यहीं रुक गया। ईद पर पुलिस की सक्रियता के चलते गैंग वारदातों को अंजाम नहीं दे पाया। 

    नेपाल में बेचते थे मोबाइल

    गैंग के सदस्य मंहगे मोबाइल शोरुम व सर्राफा की दुकानों में पहले रेकी करते हैं। उसके बाद मौका देखकर हाथ साफ कर लेते है। मोबाइल फोन चोरी करने के बाद नेपाल में जाकर बेचा जाता है, जहां इसके आइएमईआइ नंबर बदल दिए जाते हैं, जिससे फोन को ट्रेस करना मुश्किल हो जाता है। वारदात के समय नेपाल के मोबाइल सिम का प्रयोग किया जाता था। बात वाट्सएप काल पर की जाती थी। ये रात दो से पांच बजे के बीच घटनाएं करते थे। चोरी करने के दौरान दुकान या शटर के पास पहले दो सदस्य चादर पकड़कर खड़े हो जाते थी, जिसकी आड़ लेकर तीसरा बदमाश ताला काट देता था। चोरी के बाद बदमाश दुकान में अपना ताला लगाकर भाग जाते थे। 

    टीम में ये रहे शामिल 

    सीओ सिटी भूपेंद्र ङ्क्षसह धोनी, कोतवाल हरेंद्र चौधरी, ट्रांसपोर्टनगर चौकी इंचार्ज संजीत राठौड, एसआइ विकास रावत, कांस्टेबल घनश्याम रौतेला, भगवान सैलाल, सुंदर ङ्क्षसह व विनोद यादव मौजूद रहे।