Pahalgam ITBP Bus Accident: पहलगाम आइटीबीपी बस हादसे में शहीद जवान दिनेश पंचतत्व में विलीन
Pahalgam ITBP Bus Accident शहीद जवान दिनेश सिंह का पार्थिव शरीर गुरुवार पिथौरागढ़ में उनके घर पहुंचा। पार्थिव शरीर के पहुंचते ही पिता पूरन सिंह मां गीता देवी पत्नी बबीता को जैसे ही बलिदानी का चेहरा देखने के लिए लाए तो गांव के सभी लोग रोने लगे।

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़: Pahalgam ITBP Bus Accident जम्मू कश्मीर में आइटीबीपी वाहन दुर्घटना में बलिदान हुए पिथौरागढ़ के भुरमुनी गांव निवासी दिनेश सिंह बोहरा पंचतत्व में विलीन हो गए।
रामगंगा नदी तट पर आंवलाघाट में बलिदानी की अंत्येष्टि हुई। इस मौके पर आइटीबीपी जवानों ने अंतिम सलामी दी। लगभग डेढ़ माह पूर्व घर से खुशी-खुशी गए जवान दिनेश का गुरुवार को पार्थिव शरीर घर पर पहुंंचा।
बीते तीन दिनों से शोक में डूबे स्वजनों सहित पूरे गांव में पार्थिव शरीर पहुंचते ही रुदन मच गया। तीन दिनों से अद्र्धबेहोशी की हालत में पहुंचे माता, पिता और स्वजनों की दशा दयनीय है।
पार्थिव शरीर के पहुंचते ही पिता पूरन सिंह, मां गीता देवी, पत्नी बबीता को जैसे ही बलिदानी का चेहरा देखने के लिए लाए तो गांव के सभी लोग रोने लगे।
वहीं, बलिदानी की ढाई वर्षीय पुत्री पलक को देख कर सभी द्रवित हो गए। अभी कुछ दिन पूर्व ही घर से हंसता खेलता चेहरा लेकर गए जवान का मृत चेहरा देखकर गांव में उसके संगी साथी भी बिलख रहे थे। लगभग ढाई घंटे बाद शवयात्रा निकली। गांव से लगभग 15 किमी दूर आंवलाघाट में रामगंगा नदी तट पर अंत्येष्टि हुई।
इस मौके पर आइटीबीपी जवानों की टुकड़ी ने बलिदानी को अंतिम सलामी दी। जवान के चाचा दीवान सिंह ने चिता को मुखाग्नि दी।
पूर्व जिपं अध्यक्ष विरेंद्र सिंह बोहरा ने जवान के घर पहुंच कर स्वजनों को सांत्वना दी। इसके अलावा गौरंगदेश के सभी गांवों से भारी संख्या में ग्रामीण बलिदानी के घर पर पहुंचे और उसके अंतिम दर्शन किए।
अरुणाचल प्रदेश में थी तैनाती
एक साल पूर्व तक वह आइटीबीपी लोहाघाट में तैनात था। जहां से उसका तबादल अरुणाचल हुआ था। ग्रामीणों ने बताया कि सायं को गांव निवासी जवान के शहीद होने की सूचना मिली। पर कहीं से भी इसकी पुष्टि नहीं हो पा रही थी।
सायं सवा आठ बजे के आसपास आइटीबीपी से जवान के शहीद होने की सूचना स्वजनों को दी गई । सूचना मिलते ही घर पर कोहराम मच गया है। पूरा गांव शोक में डूब गया है। ग्रामीण शहीद के घर पर पहुंच कर स्वजनों को संभाल रहे हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।