Video में देखें, पिथौरागढ़ में पहाड़ी से गिरे ट्रक के बराबर पत्थर, कई मकान, पेड़ व बिजली के पोल ध्वस्त, सेना तैनात
Landslide in Pithauragarh पिथौरागढ़ में कई जगह भूस्खलन हो रहे हैं। शुक्रवार को धारचूला बाजार में भारी बारिश से भूस्खलन की आशंका के चलते पूर्व में ही ध्वस्त मकान के परिवार सहित 14 अन्य परिवारों को अन्यत्र शिफ्ट कर दिया गया था। सेना के जवान रेस्क्यू में जुटे हैं।

जागरण संवाददाता, धारचूला (पिथाैरागढ़) : Landslide in Pithauragarh टनकपुर-तवाघाट हाईवे के पास एलधारा के पास भूस्खलन के दौरान गिरा विशाकाय बोल्डर धारचूला बाजार तक पहुंच गया। बोल्डर की चपेट में आने से मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। अन्य मकान भी क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
इसलिए अभी तक किसी जनहानि का समाचार नहीं है। प्रभावित क्षेत्र में प्रशासन, राजस्व टीम सहित सेना के जवान तैनात कर दिए गए हैं।
पिथौरागढ़ के धारचूला में टनकपुर-तवाघाट हाईवे पर बोल्डर से मकान, पेड़ और बिजली के पोल ध्वस्त। सेना, राजस्व और पुलिस की टीम रेस्क्यू में जुटी। pic.twitter.com/y7jMWuQ9Eo
— Prashant Mishra (@prmneha) July 29, 2022
14 परिवार शिफ्ट
एलधारा के पास बीती रात्रि से ही भूस्खलन होने लगा था। शुक्रवार सुबह से ही यहां पर लगातार मलबा गिर रहा था। इसे देखते हुए प्रशासन ने यहां पर बैरीकेडिंग कर दी थी। शाम को खतरे की आशंका को देखते हुए 14 परिवारों को यहां से सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया था।
कई मकान ध्वस्त
देर सायं एलधारा के पास फिर से मलबा और बोल्डर गिरने लगे । बोल्डर सड़क से होते हुए सीधे धारचूला के मल्ली बाजार स्थित ओमप्रकाश वर्मा पुत्र नारायण लाल वर्मा के मकान पर गिरा पूरा मकान तेज आवाज के साथ ध्वस्त हो गया।
मकान का पूरा मलबा नीचे सड़क पर जमा हो गया। अन्य मकानों के भी क्षतिग्रस्त होने की आशंका है। प्रभावित परिवार को मकान सहित 60 लाख रुपये से अधिक का नुकसान बताया जा रहा है।
क्षेत्र में सेना तैनात
संयुक्त मजिस्ट्रेट नंदन कुमार सहित राजस्व टीम, पुलिस मौके पर पहुंची और सेना को भी बुलाया गया। प्रभावित क्षेत्र में अलर्ट जारी करते हुए प्रवेश रोक दिया गया है।
सेना के जवान, राजस्व टीम और पुलिस रेस्क्यू में जुटे हैं। अभी तक किसी तरह की जनहानि की सूचना नहीं है।
केएमवीएन ने की रहने की व्यवस्था
तहसील प्रशासन ने प्रभावित लोगों के रहने के लिए केएमवीएन (कुमाऊं मंडल विकास निगम) के पर्यटक आवास गृह में रहने की व्यवस्था की है।
एसडीएम नंदन कुमार ने बताया कि प्रभावितों के रहने के लिए टीआरएच (टूरिस्ट रेस्ट हाउस) में प्रशासन की तरफ से व्यवस्था की जा चुकी है।
पिछले साल से अब तक सुरक्षा के उपाय नहीं
इससे पूर्व एलधारा के पास बोल्डर गिरते समय भी कुछ लोग बाल-बाल बचे हैं। एक साल से बने खतरे के बाद अभी तक यहां पर सुरक्षा के उपाय नहीं किए जाने से जनता में शासन प्रशासन क खिलाफ रोष व्याप्त है। प्रभावित परिवार के ओपी वर्मा ने इसके लिए सीधे शासन, प्रशासन को जिम्मेदार बताया है।
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