एनएच-87 को शुरू करने में कई विभागों की लेनी है एनओसी, रामपुर से काम 65 फीसद पूरा होने के बाद शहर में होनी है शुरुआत
रामपुर से काठगोदाम तक बनने वाले एनएच 87 के निर्माण को लेकर फिर से कवायद शुरू हो गयी है। बीते साल कोरोना संक्रमण के चलते काम पर जहां ब्रेक लग गया था वहीं निर्माण कंपनी सद्भाव के पास बजट खत्म हो चुका था।
जागरण संववाददाता, रुद्रपुर (ऊधमसिंह नगर) : एनएच 87 के निर्माण में बजट की एक बड़ी बाधा खत्म हो गई है। बीते सप्ताह एनएचएआइ ने निर्माण कंपनी सद्भाव को 30 करोड़ का लोन जारी कर दिया है। अब निर्माण कंपनी को महत्वपूर्ण विभागों की एनओसी सहित मिट्टी यूपी से लाने के लिए डीएम की अनुमति लेनी है।
रामपुर से काठगोदाम तक बनने वाले एनएच 87 के निर्माण को लेकर फिर से कवायद शुरू हो गयी है। बीते साल कोरोना संक्रमण के चलते काम पर जहां ब्रेक लग गया था, वहीं निर्माण कंपनी सद्भाव के पास बजट खत्म हो चुका था। जुलाई में एनएच का निर्माण शुरू करने के लिए उसके हाथ खाली थे। इसको लेकर कंपनी ने एनएचएआइ से गुहार लगाई, लेकिन एनएचएआइ रापमुर टोल प्लाजा का काम खत्म करने की बात कहकर टालता रहा। इसी बीच पिछले सप्ताह अचानक एनएचएआइ ने सद्भाव को मांगे गए 50 करोड़ में 30 करोड़ जारी कर दिए। इससे निर्माण कंपनी को कुछ राहत मिल गयी है। इससे शहर में सोनिया होटल के पास से काम शुरू होने की उम्मीद जग गयी है। लेकिन इसके लिए निर्माण कंपनी को कई विभागों से एनओसी लेनी है तब काम शुरू हो सकेगा।
इन विभागों की लेनी है अनुमति
एनएच 87 को प्राथमिक चरण में शुरू करने के दौरान हालांकि बीएसएनएल, ऊर्जा निगम, सिंचाई, पेयजल और जल संस्थान सहित वन विभाग की अनुमति को लेकर कवायद शुरू हुई थी लेकिन शहर के अंदर काम शुरू न होने से इस पर आगे की कार्रवाई नही हुई। अब इस बार दोबारा काम शहर के अंदर से शुरू होकर जिला अस्पताल से आगे बढ़ेगा। ऐसे में कई जगह पर पेयजल की लाइनें, बिजली के खंभे, केबल, बीएसएनएल की लाइनें सहित सिंचाई विभाग से अनुमति लेना बेहद जरूरी हो गया है। इसके लिए कंपनी ने संबंधित विभागीय अधिकारियों से संपर्क कर एनओसी मांगी है।
यूपी से मिट्टी लाने के लिए डीएम की अनुमति
एनएच 87 का काम शहर में काम शुरू होना है। इसके लिए बड़ी मात्रा में मिट्टी की जरूरत निर्माण कंपनी को है। जिसके लिए यूपी से मिट्टी लाने के लिए डीएम की अनुमति लेनी बाकी है। करीब 14 हजार घनफुट मिट्टी की जरूरत होगी, जो कि जिले से पूरी नहीं हो सकती।
निर्माण कंपनी के लाइजनिंग अफसर दिनेश कुमार ने बताया कि एनएचएआइ से 30 करोड़ रुपए का लोन मिल गया है। अब विभिन्न विभागों से एनओसी लेना बाकी है। मिट्टी बड़ी मात्रा में चाहिए। इसके लिए डीएम की अनुमति जरूरी है। कंपनी की तरफ से पत्र लिखकर अनुमति मांगी है।