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    Manmohan Singh: उत्‍तराखंड में की थी 9वीं और 10वीं की पढ़ाई, हाईस्कूल में आए सेकेंड; बचाई भारत की डूबती अर्थव्यवस्था

    Manmohan Singh भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन हो गया है। उन्होंने हल्द्वानी के एमबी इंटर कॉलेज से 9वीं और 10वीं की पढ़ाई की थी। 1944 में उन्होंने एमबीआईसी में नौवीं कक्षा में प्रवेश लिया और 1945 में हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की। उनके शैक्षणिक रिकॉर्ड को आज भी स्कूल प्रशासन ने संभाल कर रखा है ।

    By sumit joshi Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 28 Dec 2024 05:43 PM (IST)
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    Manmohan Singh: हाईस्कूल में सेकेंड आए डा. मनमोहन सिंह ने भारत की डूबती अर्थव्यवस्था को बचाया। फाइल

    सुमित जोशी, जागरण, हल्द्वानी। Manmohan Singh : परीक्षाओं में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने की होड़ इन दिनों प्रत्येक विद्यार्थी में देखने को मिलती है। इसके पीछे पारिवारिक व सामाजिक दबाव अहम वजह है, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने हाईस्कूल द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण होने के बावजूद महान अर्थशास्त्री तक का सफर तय किया। इतना ही नहीं बल्कि उनकी आर्थिक नीतियों ने भारत की डूबती हुई अर्थव्यवस्था को भी बचाया। साथ ही देश के सर्वोच्च शिक्षित प्रधानमंत्री होने का गौरव भी उनके नाम है।

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    हल्द्वानी के एमबी इंटर कालेज के रिकार्ड से इसकी पुष्टि हुई है। पूर्व प्रधानमंत्री डा. सिंह ने नैनीताल जिले के इसी विद्यालय से वर्ष 1945 में दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। स्कूल प्रशासन ने उनका शैक्षणिक रिकार्ड आज भी सहेज कर रखा हुआ है।

    एक फरवरी 1944 को नवीं कक्षा में लिया था प्रवेश

    प्रधानाचार्य डीके पंत ने विद्यार्थी विवरण पंजिका के अनुसार बताया कि डा. मनमोहन सिंह ने एक फरवरी 1944 को नवीं कक्षा में प्रवेश लिया था। वे मध्य सत्र में आए थे और तीन महीने बाद ही परीक्षा हुई थी। इसके बाद आठ जुलाई 1944 को दसवीं में उनका प्रवेश हुआ था। 23 जून 1945 को हाईस्कूल परीक्षा का परिणाम आया था। रिकार्ड के अनुसार 30 जून 1945 को उन्होंने नाम कटवा लिया था।

    द्वितीय श्रेणी से उन्होंने 10 वीं कक्षा उत्तीर्ण की थी। साथ ही उनका स्कूल में प्रदर्शन उत्कृष्ट था। ऐसे में डा. सिंह को रिकार्ड में तत्कालीन प्रधानाचार्य ने दो बार गुड (अच्छा) लिखा है। वहीं, उस समय विद्यालय हाईस्कूल तक ही था। ऐसे में माना जाता है कि इसी लिए डा. सिंह आगे की पढ़ाई को अन्य स्कूल में चले गए होंगे। इधर, प्रधानाचार्य पंत ने बताया कि डा. सिंह जब प्रधानमंत्री बने थे तब स्कूल की ओर से उनके एसआर रिकार्ड की प्रति उन्हें भेंट की थी।

    खालसा हाईस्कूल धुडियाल से आठवीं तक पढ़ा

    एमबीआइसी के रिकार्ड के अनुसार डा. मनमोहन सिंह ने वहां प्रवेश लेने से पहले खालसा हाईस्कूल धुडियाल से पढ़ाई की थी। ऐसे में डा. सिंह की आठवीं तक पढ़ाई संबंधित विद्यालय से हुई होगी। धुडियाल पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है, जो विभाजन से पहले भारत का हिस्सा था।

    स्थानीय अभिभावक के रूप में सरदार निर्मल सिंह का नाम

    एमबी इंटर कालेज की एसआर पंजिका के अनुसार 1944 में नवीं कक्षा में प्रवेश के वक्त रेलवे बाजार निवासी सरदार निर्मल सिंह ने डा. मनमोहन सिंह के स्थानीय अभिभावक के रूप में नाम दर्ज कराया था।

    इंद्रजीत गार्डन में रहते थे डा. सिंह

    डा. मनमोहन सिंह हल्द्वानी में ठंडी सड़क स्थित इंद्रजीत गार्डन में सरदार इंदरजीत सिंह भसीन के कोठी में रहते थे। सरदार इंदरजीत सिंह के पुत्र त्रिलोचन सिंह भसीन एवं सिख गुरुद्वारा श्रीगुरु सिंह सभा के मुख्य सेवादार वीरेंद्र सिंह चड्ढा ने यह जानकारी दी है।

    त्रिलोचन सिंह और वीरेंद्र चड्ढा ने बताया कि उनका परिवार अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के झेलम जिले के चकवाल गांव का रहता था। हालांकि, उनके पुरखे विभाजन से काफी पहले ही हल्द्वानी आ कर बस गए थे। डा. मनमोहन सिंह भी उसी गांव से थे। ऐसे में डा. सिंह देश के विभाजन से पहले जब हल्द्वानी में आए तो सरदार इंदरजीत सिंह के निवास इंद्रजीत गार्डन में ही रहे थे।