जनता की कसौटी पर उतर नहीं पाए पूर्व सीएम खंडूरी के पुत्र मनीष, शिष्य ने मारी बाजी
दो बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री व पांच बार लोकसभा में पौड़ी संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके बीसी खंडूड़ी के पुत्र जनता की कसौटी पर नहीं उतर पाए।
रामनगर, जेएनएन : दो बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री व पांच बार लोकसभा में पौड़ी संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके बीसी खंडूड़ी के पुत्र जनता की कसौटी पर नहीं उतर पाए। नतीजतन पिता के शिष्य ने पौड़ी सीट पर भाजपा का कब्जा बरकरार रखा। पौड़ी सीट में भाजपा का सातवीं बार कब्जा है। रामनगर विधानसभा में ही मनीष 16151 के अंतर से तीरथ से चुनाव हार गए। तीरथ को 42907 व मनीष को 26756 मत मिले।
पौड़ी गढ़वाल संसदीय सीट पर वर्ष 2014 के चुनाव में पूर्व सीएम बीसी खंडूड़ी 1,84,526 मतों से कांग्रेस प्रत्याशी हरक सिंह रावत से चुनाव जीते थे। वर्ष 2019 में खंडूड़ी के चुनाव नहीं लडऩे के फैसले के बाद उनके शिष्य व पूर्व शिक्षा मंत्री तीरथ सिंह रावत ने पौड़ी से टिकट मांगा, लेकिन शिष्य को तब झटका लगा जब उनके राजनीतिक गुरु खंडूड़ी के बेटे मनीष चुनाव मैदान में उतर गए। तीरथ तब और असहज हो गए जब उनके गुरु खंडूड़ी ने पौड़ी में भाजपा के चुनाव प्रचार से दूरी बना ली। चूंकि पहली बार चुनाव मैदान में उतरने की वजह से खंडूड़ी के लिए यह चुनाव नया था। लेकिन कांग्रेस मनीष के चुनाव जीतने के पीछे सबसे बड़ा कारण उनके कद्दावर पिता बीसी खंडूड़ी का नाम जुड़ा होने को मान रही थी।
मनीष ने रामनगर में पहले खुद व बाद में कई दिन तक पत्नी को चुनाव प्रचार में उतारा। पिता खंडूड़ी की उपलब्धि व ईमानदार छवि को भुनाने की भी कोशिश की गई। लेकिन मोदी मैजिक व पुराने कद्दावर नेता तीरथ सिंह के आगे मनीष टिक नहीं पाए।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।