शर्मनाक : 55 साल के अधेड़़ ने छह साल की मासूम से की दुष्कर्म की कोशिश
एक अधेड़ की बेहद शर्मशार हरकत ने पूरे शहर को बदनाम किया है। उसकी करतूत सुनकर अाप भी स्तब्ध हो जाएंगे। मामला है मुखानी थाना क्षेत्र का। ...और पढ़ें

हल्द्वानी (जेएनएन) : एक अधेड़ की बेहद शर्मशार हरकत ने पूरे शहर को बदनाम किया है। उसकी करतूत सुनकर अाप भी स्तब्ध हो जाएंगे। मामला है मुखानी थाना क्षेत्र का। जहां 55 साल के अधेड़ ने छह साल की एक मासूम को हवस का शिकार बनाने की कोशिश की। घटना के बाद से आरोपित फरार है। पुलिस ने दुराचार का प्रयास व पॉक्सो के तहत मुकदमा दर्ज किया है। बच्ची का मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है।
मुखानी थाना क्षेत्र में बिहार के बेतिया निवासी दो मजदूरों का परिवार अगल-बगल के मकान में किराए पर रहता है। पुलिस के अनुसार, 55 वर्षीय विजय दास सोमवार शाम दूसरे मजदूर के घर गया। यहां खाना खाने के बाद वह छह साल की मासूम को बहला-फुसला कर छत पर ले गया और दुष्कर्म का प्रयास करने लगा। इस बीच बच्ची उसके चंगुल से भाग गई, जिसके बाद उसने मां को पूरी कहानी बयां की। इलाके में बात फैलने पर लोग भड़क गए और आरोपित को पकड़कर उसकी जमकर धुनाई कर दी। हालांकि बाद में पीडि़त पक्ष चुप हो गया।
मंगलवार दोपहर किसी तरह यह मामला पुलिस तक पहुंच गया, जिसके बाद एसओ मुखानी नंदन सिंह रावत व लामाचौड़ चौकी प्रभारी संजय जोशी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पीडि़त परिवार से जानकारी जुटाई। एसओ रावत ने बताया कि रात को पिता की तहरीर पर आरोपित नकियागंज जिला बेतिया बिहार निवासी विजय दास के खिलाफ पॉक्सो समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। वहीं घटना के बाद से फरार आरोपित की तलाश को लेकर पुलिस ने कई जगहों पर दबिश दी। उसके परिवार व अन्य मजदूरों से भी पूछताछ की गई।
आरोपित की दो बेटियां
मासूम के साथ गलत हरकत करने वाले विजय दास की दो बेटियां है। उसके बावजूद उसने इस तरह की हरकत की। इसके चलते सोमवार रात उसे लोगों के गुस्से का शिकार भी होना पड़ा।
मुंह दबाकर मारे थप्पड़
बच्ची ने परिजनों को बताया कि आरोपित ने उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की तो उसने शोर मचाना शुरू किया, जिसके बाद मासूम का मुंह दबाने के साथ उसे थप्पड़ भी मारे गए। बेटी के साथ हुए इस अन्याय को बताते वक्त मां फफक पड़ी।
रिपोर्ट लिखवाने में घबराए
घर से इतनी दूर रोजी-रोटी की तलाश में आया परिवार बेटी के साथ इस तरह की घटना होने के बावजूद शुरू में मुकदमा दर्ज कराने से कतराता रहा, जिसके बाद एसओ नंदन रावत ने परिजनों को काफी देर तक समझाया, तब जाकर उन्होंने तहरीर दी।

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