Move to Jagran APP

कॉर्बेट पार्क में मेमथ हाथी के जबड़े का जीवाश्म मिला, साढ़े 12 लाख वर्ष पुराना होने का दावा

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में पहली बार हाथियों के पूर्वज मेमथ का साढ़े 12 लाख साल पुराना जीवाश्म मिलने का दावा किया गया है। इससे साफ है कि इस क्षेत्र में पहले भी हाथियों की मौजूदगी रही होगी।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 11 May 2019 06:37 PM (IST)Updated: Mon, 13 May 2019 05:44 PM (IST)
कॉर्बेट पार्क में मेमथ हाथी के जबड़े का जीवाश्म मिला, साढ़े 12 लाख वर्ष पुराना होने का दावा
कॉर्बेट पार्क में मेमथ हाथी के जबड़े का जीवाश्म मिला, साढ़े 12 लाख वर्ष पुराना होने का दावा

रामनगर, जेएनएन : कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में पहली बार हाथियों के पूर्वज मेमथ का साढ़े 12 लाख साल पुराना जीवाश्म मिलने का दावा किया गया है। इससे साफ है कि इस क्षेत्र में पहले भी हाथियों की मौजूदगी रही होगी। कई सालों पुराना जीवाश्म मिलने पर कॉर्बेट के अधिकारियों ने इसे कब्जे में ले लिया है। अधिकारी इसकी जांच कराने की बात कह रहे हैं।
बीते मंगलवार को उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसेक) के निदेशक डॉ. एमपीएस बिष्ट व इसरो से जुड़े भारतीय रिमोट सेसिंग संस्थान के निदेशक डॉ. प्रकाश चौहान कॉर्बेट पार्क के बिजरानी क्षेत्र में भ्रमण में गए थे। इस दौरान बिजरानी में उन्हें एक जबड़ेनुमा जीवाश्म मिला। उन्होंने उसकी जांच की तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। डॉ. बिष्ट ने वापस लौटकर पार्क के अधिकारियों को बताया कि जबड़े का यह जीवाश्म साढ़े 12 लाख साल पुराने हाथियों के पूर्वज का है। उस समय उन हाथियों को मेमथ कहा जाता था। यह अपने आप में एक ऐतिहासिक चीज है। इसके बाद पार्क के निदेशक राहुल ने उस जीवाश्म को अपने कब्जे में लेकर कॉर्बेट कार्यालय में रख दिया है।

loksabha election banner

जांच के लिए देहरादून भेजा जाएगा 
पार्क के निदेशक ने बताया कि जो जबड़ानुमा जीवाश्म मिला है, वह साढ़े 12 लाख साल पुराने मेमथ का बताया जा रहा है। यह जीवाश्म मिलने से हो सकता है कि उस समय मेमथ इस क्षेत्र में रहे होंगे। यदि ऐसा है तो यह अपने आप में एक ऐतिहासिक होगा। बताया कि इसे जांच के लिए हिमालयन ज्योलिजिकल इंस्टीट्यूट देहरादून भेजा जा रहा है।

14 फुट तक लंबे होते थे दांत
मेमथ हाथी मौजूदा हाथियों से भारी भरकम शरीर वाले होते थे। उनके दांत करीब 14 फुट तक लंबे होते थे। वह इन हाथियों से कई गुना बड़े भी होते थे। खोपड़ी छोटी और ऊंची व कान छोटे होते थे। इनका शरीर बालों से ढका होता था। जैव विकास की प्रक्रिया के फलस्वरूप मैमथ से ही आधुनिक युग के हाथियों का रूपातंरण हुआ। मैमथ अब विलुप्त हो युका है। इसका वैज्ञानिक नाम मैमथुस प्राइमिजीनियस बताया जाता है। हजारों साल पहले हिमयुग के दौरान मैमथ साइबेरिया, अलास्का, कनाड़ा जैसे बर्फीले क्षेत्रों मेें विचरण करते थे। दस हजार साल पहले तक पृथ्वी पर इनकी मौजूदगी के प्रमाण मिले हैं। अब तक मैमथ के कुल 39 शव बर्फ में दबे मिले हैं।

यह भी पढ़ें : कॉर्बेट के घड़ियाल अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ की रेडलिस्ट में, सीटीआर प्रशासन की बढ़ी चिंता

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.