व्यवस्था से हारा मजबूर पति बच्चों संग धरने पर बैठा, इलाज के अभाव में गर्भवती की मौत का मामला
र्भवती मंजू देवी की मौत का मामला तूल पकड़ गया है। प्रकरण में कार्रवाई तो दूर तीन सप्ताह बाद भी मजिस्ट्रीयल जांच पूरी न होने से आहत मृतका का पति बारिश में ही मासूम बच्चों को लेकर तहसील मुख्यालय में धरने पर बैठ गया।

जागरण संवाददाता, मानिला (अल्मोड़ा) : इलाज के अभाव में गर्भवती मंजू देवी की मौत का मामला तूल पकड़ गया है। प्रकरण में कार्रवाई तो दूर तीन सप्ताह बाद भी मजिस्ट्रीयल जांच पूरी न होने से आहत मृतका का पति बारिश में ही मासूम बच्चों को लेकर तहसील मुख्यालय में धरने पर बैठ गया। पंचायत प्रतिनिधि भी समर्थन में उतर आए। इससे हलकान प्रशासन ने कार्रवाई के लिए चार दिन की मोहलत मांगी है। वहीं बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की भेंट चढ़ी महिला के पति व पंचायत प्रतिनिधियों ने दो टूक कहा कि न्याय न मिला तो बेमियादी आंदोलन करेेंगे।
देवायल ग्रामसभा कठलकोट तोक (सल्ट ब्लॉक) निवासी लक्ष्मण सिंह की गर्भवती पत्नी मंजू देवी ने तीन सप्ताह पूर्व उपचार न मिलने पर दम तोड़ दिया था। उसे पहले सीएचसी फिर रामनगर ले जाया गया था। हल्द्वानी ले जाते वक्त रास्ते में मंजूदेवी व उसके गर्भ में पल रहे दो जुड़वा शिशुओं की भी मौत हो गई थी। इससे गुस्साए मृतका के पति लक्ष्मण सिंह ने सीएचसी देवायल के चिकित्सा कर्मियों व एएनएम पर गंभीर आरोप लगाए थे। उसका कहना था कि हृदयरोगी होने के बावजूद उसका स्वास्थ्य परीक्षण करने की जरूरत तक नहीं समझी गई। बगैर देखे ही उसे रामनगर रेफर तो किया गया मगर एंबुलेंस मुहैया नहीं कराई गई।
लक्ष्मण सिंह के अनुसार निजी वाहन से 55 किमी की दूरी तय करने के दौरान गर्भवती की हालत और बिगड़ गई। मंगलवार को दोषी चिकित्सा कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई व मजिस्ट्रीयल जांच अब तक पूरी न होने से गुस्साए लक्ष्मण सिंह, पूर्व जिला पंचायत सदस्य नारायण सिंह रावत, अमित रावत आदि तहसील मुख्यालय जा धमके। मंजूदेवी के दो मासूम बच्चों को लेकर धरने पर बैठ गए। जिपं सदस्य नारायण रावत ने गरीब परिवार को मुआवजे की मांग उठाई।
एसडीएम सल्ट राजकुमार पांडेय का कहना है कि मृतका के स्वजनों को रविवार तक का समय दिया है। स्वास्थ्य विभाग की कमेटी पूरे प्रकरण की जांच कर रही है। अन्य मांगों पर भी शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।
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