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    उत्तराखंड में तेंदुए ने छह दिनों में किया तीन बच्चों का शिकार, इस साल अब तक 50 मौतें

    By Jagran NewsEdited By: Skand Shukla
    Updated: Tue, 29 Nov 2022 12:39 PM (IST)

    Leopard killed three children in six days in Uttarakhand कुमाऊं और गढ़वाल मंडल में तीन दिनों के अंदर तेंदुओं ने तीन बच्चों का शिकार कर लिया। दो घटनाएं गढ़वाल मंडल के टिहरी और पौड़ी बढ़वाल जिले की हैं जबकि एक घटना कुमाऊं मंडल के अल्मोड़ा जिले की है।

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    कुमाऊं और गढ़वाल मंडल में तीन दिनों के अंदर तेंदुओं ने तीन बच्चों का शिकार कर लिया।

    नैनीताल, जागरण संवाददाता : Leopard killed three children in six days in Uttarakhand : उत्तराखंड में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। कुमाऊं और गढ़वाल मंडल में तीन दिनों के अंदर तेंदुओं ने तीन बच्चों का शिकार कर लिया। दो घटनाएं गढ़वाल मंडल के टिहरी और पौड़ी बढ़वाल जिले की हैं, जबकि एक घटना कुमाऊं मंडल के अल्मोड़ा जिले की है। एक सप्ताह के अंदर तीन घटनाओं से लोगों में दहशत और वन विभाग के खिलाफ रोष है।

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    पहली घटना

    27 नवंबर की रात टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक के बाल गंगा क्षेत्र में दोस्तों के साथ खेलने के बाद घर लौट रहे 13 वर्षीय अरनव चंद पुत्र रणवीर चंद ग्राम मयकोट निवासी को तेंदुआ उठा कर ले गया। जब अरनव घर नहीं पहुंचा तो उसकी तलाश की गई। अंधेरा होने के कारण वन विभाग व राजस्व विभाग के संयुक्त सर्च आपरेशन के बाद रात दो बजे मृतक बालक का शव घर से एक किमी दूर जंगल से बरामद किया गया।

    दूसरी घटना

    24 नवंबर को अल्मोड़ा जिले के धौलादेवी ब्लाक के क्वैराली गांव में 11 वर्षीय बच्चे को तेंदुए ने निवाला बना लिया था। शाम साढ़े छह बजे के करीब आरव पुत्र रमेश सिंह घर के दूसरे कमरे में टीवी देखने के लिए आंगन से होकर निकला। इस बीच घात लगाकर बैठे तेंदुए ने बच्चे पर हमला कर जंगल की ओर घसीट ले गया। आरव क्षत-विक्षत बरामद हुआ।

    तीसरी घटना

    22 नवंबर को पौड़ी गढ़वाल जिले के विकासखंड पाबौ के निसणी गांव में में तेंदुए ने पांच वर्षीय बच्चे का शिकार कर लिया। गांव निवासी रविंद्र सिंह का पांच वर्षीय बेटा पीयूष घर से कुछ दूरी पर खेलकर घर की ओर आ रहा था। इसी दौरान घात लगाए तेंदुए ने उस पर झपटा मार दिया। यह देखकर लोगों के हो हल्ला करने पर झाडियों में छोड़ कर भाग निकला। लेकिन तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी।

    इस साल करीब 50 मौतें

    उत्तराखंड में इस साल अब तक वन्यजीवों के हमले में करीब 50 फीसद मौतें हो चुकी हैं। तेंदुओं का शिकार ज्यादातर महिलाएं और बच्चे होते हैं। तेंदुए के हमले की ज्यादातर घटनाएं पहाड़ों पर हो रही हैं। हालांकि इस बारे में वन विभाग के कर्मचारी और विशेषज्ञ इसका कोई खास कारण नहीं बताते हैं और इसे एक संयोग मात्र कहते हैं।

    70 फीसद मौतें तेंदुए के हमले में

    उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं लगतार बढ़ रही हैं। इनमें सर्वाधिक पीड़ित वह ग्रामीण हैं जो जंगल के किनारे निवास करते हैं। सूत्रों के मुताबिक उत्तराखंड में हर साल होने वाली मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में औसतन 70 फीसद मौतें तेंदुए के हमले में होती हैं।