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वेद, पुराण व श्रीमद्भगवत गीता मानसिक स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए सबसे उपयुक्त :डा. भैंसोड़ा

हल्द्वानी के एमबीपीजी कालेज में मानसिक स्वास्थ्य की कार्यशाला में मनोचिकित्सक डा. भैंसोड़ा ने कहा कि पश्चिमी देशों का पूरा फोकस आत्म स्वतंत्रता रहता है। जबकि भारतीय विचार व्यक्गित नहीं बल्कि परिवार पर आधारित रहती है। यह सीख हमें अपनी प्राचीन पौराणिक किताबों से विरासत में मिली है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Mon, 02 May 2022 10:54 PM (IST)Updated: Mon, 02 May 2022 10:54 PM (IST)
वेद, पुराण व श्रीमद्भगवत गीता मानसिक स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए सबसे उपयुक्त :डा. भैंसोड़ा
वेद, पुराण, श्रीमद्भगवत गीता में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर विस्तृत चर्चा है। हमें इन ग्रंथों से सीखने की जरूरत है।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : वरिष्ठ मनोचिकित्सक डा. रवि सिंह भैंसोड़ा ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर अमेरिकी सिद्धांत पर फोकस किया जाता है। जबकि ऐसा करना पूरी तरह ठीक नहीं है। भारतीय जीवन पद्धति व सिद्धांत तनाव दूर करने के बेहतरीन तरीके हैं। इन पर अधिक फोकस करने की जरूरत है।

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सोमवार को एमबीपीजी कालेज के मेंटल हेल्थ एंड वेलनेस सेल की ओर से सभागार में आयोजित कार्यशाला में मनोचिकित्सक डा. भैंसोड़ा ने कहा कि पश्चिमी देशों का पूरा फोकस आत्म स्वतंत्रता व व्यक्तिगत रहता है। जबकि भारतीय विचार व चेतना में हमारी अवधारणा व्यक्गित नहीं, बल्कि परिवार पर आधारित रहती है। भारत में संयुक्त परिवार की परंपरा रही है।

इस तरह के परिवारों में व्यक्ति खुद को अभिव्यक्त कर लेते हैं। समस्या एक-दूसरे साझा करते हैं। इससे तनाव दूर करने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि हमारे वेद, पुराण, श्रीमद्भगवत गीता में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर विस्तृत चर्चा है। हमें इन ग्रंथों से सीखने की जरूरत है।

सबसे अधिक जरूरी है कि बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए हमें योग पर अधिक ध्यान देना चाहिए। इससे पहले कार्यशाला का उद्घाटन प्राचार्य प्रो. एनएस बनकोटी व उच्च शिक्षा के उपनिदेशक डा. आरएस भाकुनी ने दीप जलाकर किया। मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष व कार्यक्रम संयोजक डा. रश्मि पंत ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जनजागरूकता अभियान व्यापक स्तर पर चलाया जाएगा। इस दौरान प्रो. बीआर पंत, डा. रेखा जोशी, डा. सीएस नेगी, डा. अमित सचदेवा, डा. रेखा जोशी, डा. रेनू जलाल आदि मौजूद रहे।


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